सार

निशंक ने कहा कि इस प्रकरण के बाद सचिव (उच्च शिक्षा) को चेन्नई भेजा गया। उन्होंने उच्चस्तरीय जांच शुरू कर दी है। जांच रिपोर्ट के आधार पर कार्रवाई की जाएगी। हालांकि मंत्री के जवाब पर असंतोष प्रकट करते हुए द्रमुक और कांग्रेस के सदस्यों ने सदन से वाकआउट किया।

नई दिल्ली: आईआईटी मद्रास की एक छात्रा के आत्महत्या करने का मामला सोमवार को लोकसभा में उठा जिस पर केंद्रीय मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने कहा कि सचिव (उच्च शिक्षा) के नेतृत्व में ‘‘उच्चस्तरीय जांच’’ शुरू कर दी गई है जिसकी रिपोर्ट के आधार पर कार्रवाई की जाएगी। हालांकि, मंत्री के जवाब से असंतोष व्यक्त करते हुए द्रमुक और कांग्रेस के सदस्यों ने सदन से वाकआउट किया।

शून्यकाल में इस विषय को उठाते हुए द्रमुक की कनिमोई ने आरोप लगाया कि आईआईटी मद्रास की छात्रा फातिमा लतीफ के आत्महत्या के मामले में अभी तक कोई गिरफ्तारी नहीं की गई है।

 मंत्री के जवाब से संतुष्ट नहीं हुए DMK और कांग्रेस के सदस्य 

कनिमोई ने कहा कि देश के विभिन्न उच्च संस्थानों में छात्रों की खुदकुशी के मामले सामने आते रहे हैं। उन्होंने दावा किया कि इनके पीछे ‘‘जातीय भेदभाव’’ का कारण होता है और यह देश के लिए शर्म की बात है। कनिमोई ने छात्रा की मृत्यु रहस्यमई परिस्थिति में होने का दावा करते हुए कहा कि छात्रा ने फोन पर एक प्रोफेसर को अपने इस कदम के लिए जिम्मेदार ठहराया था। किंतु उस प्रोफेसर को पूछताछ के लिए बुलाया तक नहीं गया है।

आरएसपी के एन के प्रेमचंद्रन ने भी इस विषय को उठाया और उच्चस्तरीय जांच की मांग की। द्रमुक के सदस्यों ने इस विषय पर मानव संसाधन विकास मंत्री निशंक से जवाब की मांग की जो सदन में उपस्थित थे।

निशंक ने कहा कि इस प्रकरण के बाद सचिव (उच्च शिक्षा) को चेन्नई भेजा गया। उन्होंने उच्चस्तरीय जांच शुरू कर दी है। जांच रिपोर्ट के आधार पर कार्रवाई की जाएगी। हालांकि मंत्री के जवाब पर असंतोष प्रकट करते हुए द्रमुक और कांग्रेस के सदस्यों ने सदन से वाकआउट किया।

(यह खबर समाचार एजेंसी भाषा की है, एशियानेट हिंदी टीम ने सिर्फ हेडलाइन में बदलाव किया है।)