IMD Weather Shock! सितंबर में भारत पर मौसम का कहर! IMD ने सामान्य से अधिक बारिश की चेतावनी दी है। उत्तराखंड, पंजाब, राजस्थान में अचानक बाढ़ और भूस्खलन का खतरा मंडरा रहा है। मानसून की देरी, क्या यह आने वाले बड़े जल संकट का संकेत है?

India September IMD Weather Alert 2025: भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने सितंबर में पूरे भारत में सामान्य से अधिक बारिश की चेतावनी जारी की है। मौसम विभाग के अनुसार, इस महीने का औसत वर्षा स्तर 167.9 मिमी से भी अधिक होने का अनुमान है, जो दीर्घकालिक औसत का लगभग 109% है। भारी बारिश और भूस्खलन का यह अलर्ट उत्तराखंड, पंजाब, राजस्थान, हरियाणा और तेलंगाना जैसे राज्यों में अचानक बाढ़ का खतरा बढ़ा रहा है। 

क्या सितंबर बनेगा भारत के लिए मौसम का संकट महीना?

IMD के महानिदेशक मृत्युंजय महापात्र के अनुसार, सितंबर का महीना संक्रमण काल का होता है, जब मानसून के बाद के चरण में मौसम में बड़ा बदलाव देखने को मिलता है।

  • मानसून की वापसी में देरी (Monsoon Withdrawal Delay) के कारण सितंबर में बारिश बढ़ रही है।
  • पश्चिमी विक्षोभ (Western Disturbances) और मानसूनी दबाव प्रणाली की टकराहट ने बारिश को और तेज़ कर दिया है।
  • दिल्ली, हरियाणा और उत्तरी राजस्थान जैसे मैदानी इलाकों में भी भारी बारिश (Heavy Rainfall) का खतरा है।
  • उत्तराखंड और छत्तीसगढ़ के नदी तटीय क्षेत्रों में बाढ़ का जोखिम चरम पर है।

उत्तराखंड और हिमालयी राज्यों पर क्यों मंडरा रहा है खतरा?

IMD के महानिदेशक मृत्युंजय महापात्र ने चेतावनी दी है कि उत्तराखंड में भारी बारिश से नदियों का जलस्तर तेजी से बढ़ सकता है। इससे अचानक बाढ़ और भूस्खलन की घटनाएं बढ़ने की आशंका है। उत्तराखंड की पहाड़ियों से निकलने वाली नदियों के उफान पर आने से उत्तर भारत के कई निचले क्षेत्रों में भी खतरा मंडरा सकता है।

दिल्ली-हरियाणा और राजस्थान में भी बिगड़ेगा हालात

दक्षिण हरियाणा, दिल्ली और उत्तरी राजस्थान में लगातार बारिश से जनजीवन अस्त-व्यस्त हो सकता है। मौसम विशेषज्ञों के मुताबिक मानसून की वापसी में देरी और पश्चिमी विक्षोभ के कारण सितंबर में सामान्य से ज्यादा वर्षा हो रही है। यह बदलाव जलवायु असंतुलन की ओर भी इशारा कर रहा है।

पंजाब और तेलंगाना में बाढ़ का प्रकोप

पंजाब ने इस साल दशकों की सबसे भीषण बाढ़ का सामना किया है। टूटी नहरें, उफनती नदियां और लगातार बारिश से ग्रामीण इलाकों में संकट गहराता जा रहा है। तेलंगाना में भी भारी वर्षा ने जनजीवन को चुनौतीपूर्ण बना दिया है। सवाल यह है कि क्या यह एक नए जल संकट का संकेत है?

बादल फटने की घटनाएं बढ़ रही हैं!

भारतीय उष्णकटिबंधीय मौसम विज्ञान संस्थान का कहना है कि बड़े बादल फटने की घटनाएं नहीं बढ़ीं, लेकिन छोटे बादल फटने (5 सेमी बारिश प्रति घंटा) की घटनाएं लगातार बढ़ रही हैं। यही वजह है कि अचानक बाढ़ और भूस्खलन का खतरा पहले से ज्यादा हो गया है।

मानसून की वापसी में देरी और मौसम का रहस्य

1 सितंबर से 17 सितंबर के बीच मानसून की वापसी की उम्मीद थी, लेकिन इस देरी के कारण मौसम का पैटर्न असामान्य हो गया है। पश्चिमी विक्षोभ और मानसूनी दबाव के बीच की यह टकराहट मौसम को और खतरनाक बना रही है।

सतर्क रहें: मौसम का हर अपडेट जरूरी

IMD ने सभी राज्यों के प्रशासन और नागरिकों को सतर्क रहने की सलाह दी है। बाढ़-प्रवण इलाकों में संसाधन तैनात किए जा रहे हैं। मौसम के इस बदलते पैटर्न से सवाल उठता है-क्या भारत को जलवायु परिवर्तन की एक नई चेतावनी मिल रही है?