सार
इंडिया गेट का स्ट्रक्चर पेरिस के आर्क डे ट्रॉयम्फ से लिया गया है। भरतपुर के लाल और पीले पत्थरों से इसका निर्माण किया गया है। इंडिया गेट का व्यास 625 मीटर, क्षेत्रफल 360,000 वर्ग मीटर और चौड़ाई 9.1 मीटर है। इस स्मारक के कोने के महराबों पर ब्रितानिया-सूर्य बने हैं।
Dil Se Desi : देश में आजादी का अमृत महोत्सव (Azadi ka Amrit Mahotsav) मनाया जा रहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) ने मार्च 2021 में इसकी शुरुआत की थी। 15 अगस्त, 2022 को आजादी के 75 साल पूरे होने वाले हैं। ऐसे में हम आपको बता रहे हैं उन मशहूर और यादगार स्मारक, मंदिर व म्यूजियम के बारें में, जो हिंदुस्तान की विरासत हैं। 'Dil Se Desi' सीरीज में बात नई दिल्ली में राजपथ मार्ग पर स्थित इंडिया गेट (India Gate) की, जिसे शुरूआत में 'ऑल इंडिया वॉर मेमोरियल' नाम से जाना जाता था...
कब और क्यों बनाया गया इंडिया गेट
इंडिया गेट का निर्माण ब्रिटिश सरकार ने प्रथम विश्व युद्ध 1914-1918 और 1919 में तीसरे एंग्लो-अफगान युद्ध में शहीद हुए 80,000 से ज्यादा भारतीय सैनिकों को श्रद्धांजलि देने के लिए कराया था। 10 फरवरी, 1921 को डयूक ऑफ कनॉट ने इसकी नींव रखी थी। 10 साल में इसका निर्माण पूरा हुआ था। 12 फरवरी, 1931 को वाइसरॉय, लॉर्ड इरविन ने 42 मीटर ऊंचे इस स्मारक का उद्घाटन किया था। एड्विन लैंडसियर लूट्यन्स ने इसको डिजाइन किया था। इंडिया गेट की दीवारों पर आज भी इन सैनिकों के नाम लिखे हुए हैं। आजादी से पहले इसके सामने इंग्लैंड के राजा जार्ज पंचम की प्रतिमा लगी थी, जिसे बाद में हटा दिया गया।
कभी यहां हुआ करता था रेलवे ट्रैक
सुनकर आश्चर्य होगा कि आज जहां इंडिया गेट है, वहां कभी रेलवे ट्रैक हुआ करता था। बात साल 1920 तक की है। उस वक्त शहर में सिर्फ एक ही रेलवे स्टेशन हुआ करता था पुरानी दिल्ली रेलवे स्टेशन...जहां इंडिया गेट बना हुआ है, वहीं से आगरा-दिल्ली रेलवे लाइन गुजरती थी। बाद में इस रेलवे लाइन को यमुना नदी के पास बना दिया गया। 1924 में रेलवे लाइन के हटने की शुरुआत के बाद इंडिया गेट का निर्माण शुरू किया गया।
शहीदों की याद में अमर जवान ज्योति
1971 में हुए भारत-पाकिस्तान युद्ध में बलिदान देने वाले सैनिकों की याद में 1972 में इंडिया गेट पर अमर जवान ज्योति का निर्माण किया गया था। भारत ने पाकिस्तान के साथ 1971 के युद्ध के 50 साल पूरे होने के मौके पर 21 जनवरी, 2022 को गणतंत्र दिवस से पहले अमर जवान ज्योति को राष्ट्रीय युद्ध स्मारक पर शिफ्ट कर दिया गया। अमर जवान ज्योति स्मारक के ऊपर एक उल्टी बंदूक और सैनिक का हेलमेट बना हुआ है, इसी के बगल में कभी न बुझने वाली लौ जल रही है। 2019 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्रीय युद्ध स्मारक का उद्घाटन किया था।
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