सार

इंडिया@75 बीआरओ(India@75BRO) मोटरसाइकिल अभियान देश के चारों कोनों की यात्रा कर आजादी का अमृत महोत्सव(Amrit Mahotsav of Azadi) मना रहा है। यह अभियान राष्ट्रीय एकता, राष्ट्र निर्माण तथा सड़क सुरक्षा के संदेश का प्रसार कर रहा है। यह 16 दिसंबर, 2021 को गांधीनगर पहुंचने से पहले स्टैच्यू ऑफ यूनिटी को छुएगा।

नई दिल्ली. इंडिया@75 बीआरओ (India@75BRO) मोटरसाइकिल अभियान ने 10 दिन से भी कम समय में 3,500 किलोमीटर की दूरी तय कर 5वें चरण को सफलतापूर्वक पूरा किया। यह 07 दिसंबर को तिरुवनंतपुरम पहुंच गया था। अभियान दल ने पांचवे चरण में कोलकाता, ओडिशा के उत्कल मैदानों एवं आंध्र प्रदेश तथा तमिलनाडु के कोरोमंडल तटीय क्षेत्रों में यात्रा की। अभियान दल ने जिन प्रमुख स्थलों को छुआ उनमें भुवनेश्वर, विशाखापत्तनम, विजयवाड़ा, चेन्नई, मदुरै, रामेश्वरम, तूतीकोरिन, कन्याकुमारी हैं और अंत में यह चरण तिरुवनंतपुरम में समाप्त हुआ।

16 दिसंबर से पहले स्टैच्यू ऑफ यूनिटी छुएगा
इस अभियान को 14 अक्टूबर को रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह(Rajnath Singh) ने नई दिल्ली से झंडी दिखाकर रवाना किया था। इस अभियान का उद्देश्य अपने सात चरणों में 75 कर्मयोगियों द्वारा मोटरसाइकिल पर सवार होकर 75 दिनों में 20,000 किलोमीटर की दूरी तय कर देश की परिधि को कवर करना था। अपनी शुरुआत के बाद से यह 55 दिनों में 14,300 किलोमीटर से अधिक की दूरी तय कर चुका है।  यह 16 दिसंबर, 2021 को गांधीनगर पहुंचने से पहले स्टैच्यू ऑफ यूनिटी को छुएगा।

इस तरह पूरे किए फेज
टीम ने अपने पहले चरण में 15,000 फीट की ऊंचाई वाले क्षेत्रों और हिमाचल प्रदेश, लद्दाख और जम्मू-कश्मीर में बर्फ से ढके क्षेत्रों को छूते हुए श्रीनगर में समापन किया। दूसरे चरण इस टीम ने पंजाब के मैदानी इलाकों, उत्तराखंड की पहाड़ियों और उत्तर प्रदेश, बिहार और पश्चिम बंगाल के गंगा के मैदानी इलाकों की यात्रा की और सिलीगुड़ी में चरण पूरा किया। तीसरे चरण में दल ने नाथू ला, गंगटोक, कलिम्पोंग, हाशिमारा, गुवाहाटी, तेजपुर, ईटानगर, पासीघाट के महत्वपूर्ण पूर्वोत्तर शहरों और स्थलों को छुआ और अंत में डूम डूमा पहुंचा। चौथे चरण टीम ने लगभग सभी पूर्वोत्तर राज्यों से गुजर कर जोरहाट, दीमापुर, इंफाल, सिलचर, आइजोल, शिलांग, अलीपुरद्वार, मालदा को छूते हुए कोलकाता में समापन किया।

पांचवां चरण सबसे लंबा था
अभियान का पांचवां चरण अब तक की दूरी के मामले में किसी एक चरण में तय दूरी के लिहाज से सबसे लंबा था, जिसमें टीम ने बिना किसी ब्रेक के हर दिन लगभग 500 किलोमीटर की दूरी तय करते हुए पूर्वी तटीय राज्यों के साथ 3,500 किलोमीटर की दूरी तय की। टीम ने भुवनेश्वर, गोपालपुर, विशाखापत्तनम, विजयवाड़ा और देश के सबसे लंबे तथा व्यस्ततम समुद्र तट, मरीना बीच पर विभिन्न सार्वजनिक आउटरीच कार्यक्रमों और सड़क सुरक्षा प्रश्नोत्तरी आयोजित करके जनता के साथ जुड़ने के लिए सबसे व्यस्त चरण के दौरान चेन्नई और विवेकानंद रॉक मेमोरियल कन्याकुमारी में जनता के बीच सड़क सुरक्षा जागरूकता के संदेश को फैलाया और इस दौरान मिले हर अवसर का फायदा उठाया।

अपने अनुभव शेयर किए
टीम ने विशाखापत्तनम, तिरुचिरापल्ली और कन्याकुमारी में युवा और जिज्ञासु स्कूली बच्चों तथा कॉलेज के छात्रों के साथ अपने अनुभव साझा किए और उन्हें राष्ट्रीय निर्माण में योगदान करने के लिए प्रेरित किया। टीम ने प्रतिष्ठित अधिकारी प्रशिक्षण अकादमी, चेन्नई का भी दौरा किया और अकादमी युद्ध स्मारक तथा संग्रहालय को देखकर रोमांचित थे। टीम ने तिरुचिरापल्ली में प्राचीन मंदिरों, मदुरै में थिरुपरनकुंद्रम मंदिर और मीनाक्षी सुंदर ईश्वर और रामेश्वरम मंदिर और स्वर्गीय डॉ एपीजे अब्दुल कलाम के पैतृक घर और स्मारक का दौरा किया और उन्होंने स्थानीय लोगों के साथ बातचीत भी की।

यह है मकसद
इस यात्रा ने टीम के सदस्यों के बीच अविस्मरणीय यादें, आजीवन संबंध व जनता के बीच गहरी रुचि पैदा की तथा सबसे महत्वपूर्ण रूप से नागरिकों के बीच सड़क सुरक्षा जागरूकता को प्रेरित किया। अभियान अब 16 दिसंबर को अपने अगले गंतव्य गांधीनगर रवाना होगा। टीम को नई दिल्ली में 27 दिसंबर को रक्षा राज्य मंत्री अजय भट्ट द्वारा झंडी दिखाकर रवाना किया जाएगा, जो आयोजन बीआरओ की एनुअल चीफ इंजीनियर्स एंड इक्विपमेंट मैनेजमेंट कॉन्फ्रेंस के साथ होगा।

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