सार

सड़क हादसे का शिकार हुए ऋषभ पंत की जान एक बस ड्राइवर ने बचाई। उसने कार का शीशा तोड़ा और ऋषभ को बाहर निकाला। जान बचाए जाने के बाद ऋषभ ने अपनी पहचान बताई और कहा कि मैं मैं ऋषभ पंत हूं।
 

नई दिल्ली। विकेटकीपर बल्लेबाज ऋषभ पंत (Rishabh Pant) शुक्रवार सुबह हादसे का शिकार हो गए। वह अकेले अपनी कार ड्राइव कर दिल्ली से देहरादून लौट रहे थे तभी रुड़की के नारसन बॉर्डर पर हम्मदपुर झाल के पास पंत को झपकी आ गई। इसके चलते कार अनियंत्रित होकर डिवाइडर से टकरा गई। 

बस ड्राइवर सुशील ने ऋषभ पंत को कार से बाहर निकाला। सुशील और कुछ अन्य लोग ऋषभ को सड़क किनारे ले गए। इसके बाद ऋषभ ने अपनी पहचान बताई और कहा कि मैं ऋषभ पंत हूं। सुशील ने कहा कि ऋषभ बुरी तरह घायल हो गए थे। वह लंगड़ा रहे थे। कार में आग लग गई थी। हमने आगे का शीशा तोड़कर ऋषभ को बाहर निकाला। 

बैरिकेड तोड़कर 200 मीटर तक फिसलती चली गई कार
सुशील ने कहा कि वह हरिद्वार की तरफ से और ऋषभ दिल्ली की तरफ से आ रहे थे। उन्होंने देखा कि कार डिवाइडर से टकरा रही है। यह देख सुशील ने बस रोक दिया। कार बैरिकेड तोड़कर करीब 200 मीटर तक फिसलती चली गई थी। उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने ऋषभ की मां से बात की और उन्हें हिम्मत दिलाया। सीएम ने कहा कि ऋषभ जल्द ठीक हो जाएंगे। उनके इलाज की बेहतर व्यवस्था की गई है। सीएम ने कहा कि सरकार पंत के इलाज का पूरा खर्च उठाएगी। 

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BCCI ने कहा- होगा सर्वोत्तम इलाज
बीसीसीआई ने कहा है कि ऋषभ को सर्वोत्तम संभव इलाज मिलेगा। उन्हें इस दर्दनाक दौर से बाहर आने के लिए हर संभव सहायता मिलेगी। बीसीसीआई के सचिव जय शाह ने कहा है कि मेरी प्रार्थना ऋषभ पंत के साथ हैं। मैंने उनके परिवार और उनका इलाज कर रहे डॉक्टरों से बात की है। ऋषभ की हालत स्थिर है और उसका स्कैन चल रहा है। हम उसकी प्रगति पर करीब से नजर रख रहे हैं और उसे हर संभव सहायता मुहैया कराएंगे।

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