सार

सब कुछ ठीक रहा तो 2028 तक भारत का अपना ट्विन-इंजन डेक-आधारित फाइटर जेट प्रोटोटाइप तैयार हो जाएगा। यह भारतीय नौसेना के मिग-29K की जगह लेगा। TEDBF विमान के 2031 या 2032 तक भारतीय नौसेना में शामिल होने की पूरी उम्मीद है।
 

Made In India. रक्षा सेवा के क्षेत्र में भी भारत अब आत्मनिर्भरता की ओर तेजी से बढ़ रहा है।सब कुछ ठीक रहा तो 2028 तक भारत का अपना ट्विन-इंजन डेक-आधारित फाइटर जेट प्रोटोटाइप तैयार हो जाएगा। यह भारतीय नौसेना के मिग-29K की जगह लेगा। TEDBF विमान के 2031 या 2032 तक भारतीय नौसेना में शामिल होने की पूरी उम्मीद है। रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन के एक वरिष्ठ अधिकारी ने एशियानेट न्यूज इंग्लिश को बताया कि ट्विन-इंजन डेक-आधारित फाइटर (TEDBF) की प्रारंभिक डिजाइन समीक्षा अगले साल मार्च तक पूरी हो जाएगी। भारत का पहला प्रोटोटाइप 2028 तक तैयार किया जाएगा।

DRDO जून 2023 तक प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता वाली सुरक्षा की कैबिनेट समिति से मंजूरी की भी उम्मीद भी कर रहा है। डीआरडीओ के परियोजना निदेशक पी थंगावेल ने कहा कि लेआउट डिजाइन का काम लगभग खत्म हो गया है। हम सुपरसोनिक विमान के प्रदर्शन का मूल्यांकन करने की तैयारी कर रहे हैं। हम सिस्टम डिजाइन के लिए उपलब्ध फंड के साथ यह काम पूरा कर रहे हैं। कहा कि संभवतः मार्च तक हम प्रारंभिक डिजाइन समीक्षा करेंगे। पीडीआर के बाद आगे का काम किया जाएगा। उन्होंने कहा कि हम 2023 के मध्य तक सीसीएस मंजूरी की उम्मीद कर रहे हैं। तब हमें मौजूदा परिदृश्य में पहले प्रोटोटाइप को तैयार करने के लिए 4 से 4.5 साल लग सकते हैं। ऐसा इसलिए है क्योंकि नौसेना का डिजाइन कुछ अलग तरीके का होता है। 

थंगावेन ने कहा कि एक बार प्रोटोटाइप आने के बाद भारतीय नौसेना एचएएल के साथ इसके प्रोडक्शन की शुरूआत करेगी। यह मिग-29 की जगह लेगा क्योंकि मिग-29 अब पुराना हो गया है। 2031 या 2032 तक टीईडीबीएफ विमान को भारतीय नौसेना में शामिल किया जाएगा। चूंकि TEDBF को विशेष रूप से भारतीय नौसेना के लिए डिजाइन किया जा रहा है इसलिए इसके पंखों को मोड़ा जा सकता है। टीईडीबीएफ को आईएनएस विक्रमादित्य और आईएनएस विक्रांत पर तैनात किया जाएगा। 16.3 मीटर लंबा यह फाइटर भी मल्टी रोल फाइटर होगा। इसकी भूमिका लड़ाकू हवाई गश्त, डेक लॉन्च इंटरसेप्शन, एयर-टू-एयर कॉम्बैट, एंटी-शिप स्ट्राइक, मैरीटाइम स्ट्राइक, लैंड अटैक स्ट्राइक, एस्कॉर्ट जैमिंग और ब्वॉय रिफाइवलिंग शामिल है। 

भारत के स्वदेशी विमानवाहक पोत आईएनएस विक्रांत के शुरू होने से पहले भारतीय नौसेना के वाइस चीफ वाइस एडमिरल एसएन घोरमडे ने कहा था कि नौसेना राफेल (एम) और एफ/ए-18 सुपर हॉर्नेट ब्लॉक III लड़ाकू विमानों को बेड़े में शामिल करने की तैयारी कर रही है। फ्रांसीसी राफेल (एम) और अमेरिका निर्मित एफ/ए-18 सुपर हॉर्नेट ब्लॉक III ने महीनों पहले आईएनएस विक्रांत पर सफलतापूर्वक परीक्षण किया था। भारतीय नौसेना के एक अधिकारी के अनुसार विमान का चयन करने के लिए मूल्यांकन किया जा रहा है और हमें उम्मीद है कि निर्णय जल्द से जल्द लिया जाएगा। 

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