भारत में लॉन्च हुए ई-पासपोर्ट में लगी RFID चिप आपके डेटा को हाई-टेक सिक्योरिटी देती है। क्या इस नई तकनीक से आपका पुराना पासपोर्ट अप्रासंगिक हो जाएगा? जानें ई-पासपोर्ट के फायदे, जोखिम और अप्लाई करने से जुड़े अहम तथ्य।
नई दिल्ली। भारत में पासपोर्ट टेक्नोलॉजी एक बड़े बदलाव से गुज़र रही है। विदेश मंत्रालय (MEA) ने आधिकारिक रूप से ई-पासपोर्ट (e-Passport India) का रोलआउट शुरू कर दिया है। यह नया पासपोर्ट दिखने में भले ही साधारण पासपोर्ट जैसा लगे, लेकिन इसके अंदर लगी टेक्नोलॉजी भारतीय यात्रियों की सुरक्षा और सुविधा दोनों को नई ऊंचाइयों तक ले जाने वाली है।
सरकार के अनुसार आने वाले महीनों में पूरे भारत में चरणबद्ध तरीके से केवल ई-पासपोर्ट ही जारी किए जाएंगे, जबकि अभी मौजूद नॉन-इलेक्ट्रॉनिक पासपोर्ट अपनी एक्सपायरी तक मान्य बने रहेंगे। लेकिन सवाल यह है कि ई-पासपोर्ट आखिर है क्या? और क्या आपको इसके लिए तुरंत आवेदन करना चाहिए? आइए इसे सबसे आसान भाषा में समझते हैं।
ई-पासपोर्ट क्या है और इसमें लगी RFID चिप कैसे काम करती है?
ई-पासपोर्ट एक हाइब्रिड पासपोर्ट है—यानी इसमें कागज़ वाला पासपोर्ट भी है और साथ ही इलेक्ट्रॉनिक डेटा भी। इसके अंदर एक बहुत छोटी RFID (Radio Frequency Identification) चिप और एक एंटीना लगाया गया है। यही चिप पासपोर्ट होल्डर की जानकारी जैसे—
- नाम
- जन्मतिथि
- पासपोर्ट नंबर
- फोटो
- बायोमेट्रिक डेटा
ICAO (International Civil Aviation Organization) के मानकों के अनुसार सुरक्षित रूप से स्टोर करती है। दिलचस्प बात यह है कि पासपोर्ट के डेटा पेज पर जो जानकारी प्रिंट होती है, वही सारी जानकारी डिजिटल रूप में चिप में भी रहती है। इससे आपकी पहचान को दो स्तर की सुरक्षा मिलती है।
लेकिन यह चिप इतनी सुरक्षित कैसे है?
ई-पासपोर्ट की सबसे बड़ी ताकत है इसका PKI (Public Key Infrastructure) सिक्योरिटी सिस्टम, जो सुनिश्चित करता है कि चिप में स्टोर की गई जानकारी:
- बदली नहीं जा सकती
- कॉपी नहीं की जा सकती
- किसी फर्जी पासपोर्ट में ट्रांसफर नहीं की जा सकती
इसीलिए ई-पासपोर्ट को फर्जीवाड़े और पासपोर्ट धोखाधड़ी से बचाने का सबसे सुरक्षित तरीका माना जा रहा है।
क्या आपका पुराना पासपोर्ट अब बेकार होने वाला है?
नहीं। अगर आपके पास अभी एक सामान्य (नॉन-इलेक्ट्रॉनिक) पासपोर्ट है, तो वह अपनी समाप्ति अवधि तक पूरी तरह मान्य रहेगा। आपको तुरंत ई-पासपोर्ट लेने की कोई मजबूरी नहीं है। लेकिन जैसे ही आपका पासपोर्ट रिन्यूअल के लिए जाएगा या आपका क्षेत्रीय पासपोर्ट कार्यालय ई-पासपोर्ट जारी करने के लिए सक्षम हो जाएगा-आपको स्वतः ई-पासपोर्ट ही मिलेगा।
ई-पासपोर्ट के बड़े फायदे: क्या वाकई आपकी यात्रा अब आसान हो जाएगी?
ई-पासपोर्ट को लॉन्च करने का असली उद्देश्य है यात्रियों को तेज, सुरक्षित और फर्जीवाड़े-मुक्त यात्रा का अनुभव देना। इसके कुछ प्रमुख लाभ हैं:
- 1. तेज इमिग्रेशन: RFID चिप को स्कैन करने में केवल सेकंड लगते हैं। इससे विदेशों के एयरपोर्ट पर लाइनें छोटी होंगी।
- 2. फर्जीवाड़ा लगभग असंभव: क्योंकि चिप को बदलना या डुप्लिकेट बनाना तकनीकी रूप से बहुत कठिन है।
- 3. बेहतर डेटा सुरक्षा: आपकी पहचान दो स्तरों पर—प्रिंटेड और डिजिटल—दोनों पर संरक्षित रहती है।
- 4. अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुरूप: दुनिया के कई विकसित देशों में पहले से ई-पासपोर्ट जारी होते हैं। भारत अब उसी कतार में शामिल हो गया है।
क्या आपको अभी ई-पासपोर्ट बनवाना चाहिए?
अगर आपका पासपोर्ट जल्द खत्म होने वाला है या आप नया आवेदन कर रहे हैं, तो हां-आपको ई-पासपोर्ट ही मिलेगा और यह आपके लिए अच्छा विकल्प है। अगर आपका पुराना पासपोर्ट वैध है, तो आपको तुरंत बदलने की जरूरत नहीं है। ई-पासपोर्ट सिर्फ एक दस्तावेज़ नहीं, बल्कि भारत के डिजिटल ट्रैवल इंफ्रास्ट्रक्चर की दिशा में उठाया गया बड़ा कदम है। यह तेज, सुरक्षित और भविष्य की यात्रा आवश्यकताओं के अनुरूप बनाया गया है। आने वाले समय में यह हर भारतीय यात्री की पहचान का मानक माध्यम बन जाएगा।


