सार

भारत चीन के बढ़ते विवाद के बीच सेना प्रमुख जनरल मनोज मुकुंद नरवणे दो दिन लद्दाख में थे। सेना प्रमुख के वापस आने के बाद ही लद्दाख सेक्टर में जमीन से हवा में मार करने वाली मिसाइल डिफेंस सिस्टम तैनात किया गया। पूर्वी लद्दाख में हवा में दूर तक मार करने वाली आकाश मिसाइलें तैनात की हैं।

नई दिल्ली. भारत चीन के बढ़ते विवाद के बीच सेना प्रमुख जनरल मनोज मुकुंद नरवणे दो दिन लद्दाख में थे। सेना प्रमुख के वापस आने के बाद ही लद्दाख सेक्टर में जमीन से हवा में मार करने वाली मिसाइल डिफेंस सिस्टम तैनात किया गया। पूर्वी लद्दाख में हवा में दूर तक मार करने वाली आकाश मिसाइलें तैनात की हैं। पिछले कुछ हफ्तों में चीन के सुखोई-30 जैसे विमान को भारतीय सीमा से महज 10 किलोमीटर दूर उड़ते देखा गया है।

क्यों तैनात की गईं आकाश मिसाइलें?
पूर्वी लद्दाख में चल रहे निर्माण के बीच किसी तरह के स्थिति से निपटने के लिए आकाश मिसाइलें तैनात की गई हैं।  भारत जल्द ही रूस से उच्च प्रदर्शन वाली मिसाइलें प्राप्त करेगा और जिसे जल्द ही सीमा पर तैनात किया जा सकता है।

आकाश मिसाइल की ताकत क्या है?
आकाश मिसाइल फाइटर जेट्स, ड्रोन, क्रूज मिसाइल और हवा से जमीन में मार करने वाली मिसाइल को ध्वस्त कर सकती है। आकाश मिसाइल ब्रह्मोस की तरह सुपरसॉनिक मिसाइल है, जिसकी अधिकतम रफ्तार 2.5 मैक (3,087 किलोमीटर प्रति घंटा) है। यह मीडियम रेंज मिसाइल है, जो 25 किलोमीटर तक मार कर सकती है।

15 जून को गलवान में हुई थी हिंसक झड़प
भारतीय और चीनी सेनाएं पिछले छह हफ्तों से पूर्वी लद्दाख में कई स्थानों पर डटी हैं। 15 जून को गलवान घाटी में हुई हिंसक झड़प में 20 भारतीय सैनिक शहीद हो गए थे, जिसके बाद तनाव कई गुना बढ़ गया था। 

अलर्ट पर भारतीय सैनिक
भारतीय सेना ने अरुणाचल प्रदेश, उत्तराखंड और सिक्किम सहित विभिन्न क्षेत्रों में वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर हजारों अतिरिक्त सैनिकों को भेजा है। भारतीय वायुसेना ने भी सुखोई 30 एमकेआई, जगुआर, मिराज 2000 विमान और अपाचे हेलीकॉप्टरों को लेह और श्रीनगर सहित कई प्रमुख हवाई अड्डों पर तैनात किया है।