सार

भारतीय छात्रों को जल्द से जल्द वापसी के लिए इंडियन एयरफोर्स को भी लगा दिया गया है। बुधवार की भोर में राष्ट्रीय राजधानी के पास हिंडन में अपने घरेलू बेस पर भारतीय वायु सेना के सी -17 परिवहन विमान ने उड़ान भरी। 

नई दिल्ली। यूक्रेन (Ukraine) में फंसे भारतीयों को निकालने के लिए भारत यूक्रेन के पड़ोसी देशों से कम से कम 46 उड़ानें भरेगा। इन प्रस्तावित 46 उड़ानों में से अभी तक 9 फ्लाइट आ चुकी हैं। आपरेशन गंगा (OPeration Ganga) के तहत 8 मार्च तक यह फ्लाइट चलेंगी और भारतीयों को देश में वापस लाएंगी। भारतीय छात्रों को यहां लाने में कोई असुविधा न हो इसलिए केंद्र सरकार के चार मंत्रियों को भेजा गया है। 

आज एयरफोर्स ने भी संभाला कमान

भारतीय छात्रों को जल्द से जल्द वापसी के लिए इंडियन एयरफोर्स को भी लगा दिया गया है। बुधवार की भोर में राष्ट्रीय राजधानी के पास हिंडन में अपने घरेलू बेस पर भारतीय वायु सेना के सी -17 परिवहन विमान ने उड़ान भरी। यूक्रेन से भारतीय नागरिकों को वापस लाने के लिए विमान सुबह 4 बजे रोमानिया के लिए रवाना हुआ।

भारतीयों को पड़ोसी देशों की सीमाओं तक पहुंचना मुख्य चुनौती

विदेश मंत्रालय ने कहा है कि उड़ानों की व्यवस्था और अधिक की जा सकती हैं। जब तक भारतीयों की आवश्यकता होगी तब तक अधिक उड़ानें उपलब्ध कराई जाएंगी। 
विदेश मंत्रालय ने बताया कि अब फ्लाइट्स की कमी नहीं है लेकिन मुख्य चिंता का विषय भारतीयों को सीमाओं तक पहुंचाना है। पूर्व में कीव और खार्किव जैसे शहरों से पश्चिमी यूक्रेन की सीमा तक पहुंचना यूक्रेनी और रूसी सेनाओं के बीच भारी लड़ाई के बीच मुख्य चुनौती है।

कहां से कितनी फ्लाइट?

यूक्रेन में फंसे भारतीयों के लिए आपरेशन गंगा के तहत बुखारेस्ट से 29, बुडापेस्ट से 10, रेज़ज़ो से छह और कोसीसे से एक फ्लाइट है। 

किस विमान में कितनी क्षमता?

अलग अलग विमानों की अलग अलग क्षमता है। एयर इंडिया (250), एयर इंडिया एक्सप्रेस (180), इंडिगो एयरलाइंस (216) और स्पाइसजेट (180) हैं। भारतीय वायु सेना अपने सी-17 ग्लोबमास्टर भारी-भरकम विमान को बुखारेस्ट के लिए भी उड़ाएगी।

कीव में भारतीय दूतावास को बंद किया गया

रूसी सैन्य कार्रवाई में संभावित वृद्धि को देखते हुए कीव में भारतीय दूतावास को बंद कर दिया गया है और कर्मचारियों को स्थानांतरित कर दिया गया है।

यूक्रेन में अनुमानित 20 हजार छात्र थे

यूक्रेन में अनुमानित 20,000 भारतीय छात्र थे जब सरकार ने अपनी पहली एडवाइजरी जारी की थी। सरकार ने दावा किया है कि जब एडवाइजरी जारी की गई थी तो उस संख्या से, लगभग 12,000 ने यूक्रेन छोड़ दिया है, जो कुल का 60 प्रतिशत है।

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