सार
पूर्वी लद्दाख में भारत और चीन के बीच हुए संघर्ष के बाद सीमा विवाद जारी है। इस विवाद के बीच भारत ने चीन से स्पष्ट शब्दों में कहा है कि उसे भारत के आंतरिक मामलों में दखल देने या टिप्पणी करने का कोई अधिकार नहीं है।
नई दिल्ली. पूर्वी लद्दाख में भारत और चीन के बीच हुए संघर्ष के बाद सीमा विवाद जारी है। इस विवाद के बीच भारत ने चीन से स्पष्ट शब्दों में कहा है कि उसे भारत के आंतरिक मामलों में दखल देने या टिप्पणी करने का कोई अधिकार नहीं है। चीन ने बयान जारी किया था कि भारत-चीन की मौजूदा समस्या की जड़ भारत का सीमा पर इंफ्रास्ट्रक्टर बनाना है। लेकिन भारत की ओर से स्पष्ट शब्दों में कहा गया है कि देश के आर्थिक विकास के लिए हर जगह काम किया जा रहा है और सीमवर्ती इलाकों में भी ये आर्थिक विकास, रणनीति और सुरक्षा के लिए किया जा रहा है।
भारतीय विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अनुराग श्रीवास्तव ने एक ऑनलाइन ब्रीफिंग में कहा, 'चीन को भारत के आंतरिक मामलों पर टिप्पणी करने का कोई अधिकार नहीं है।' अनुराग श्रीवास्तव ने चीन को चेताते हुए कहा कि जो देश चाहते हैं कि दूसरे देश उनके आंतरिक मसलों पर टिप्पणी न करें वो खुद भी ऐसा न करें।
अरुणाचल हमारा अभिन्न अंग
भारतीय विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा कि अरुणाचल पर भी हमारा पक्ष बिल्कुल साफ है, वो हमारा अभिन्न अंग है। ये तथ्य चीनी पक्ष को सबसे ऊंचे स्तर सहित कई बार बताया जा चुका है। श्रीवास्तव ने कहा, 'जहां तक सीमा पर शांति का सवाल है वो दोनों देशों के बीच समझौतों को पूरी तरह से पालन करने से आएगा।'
चीन के इस बयान के बाद भारत ने दी नसीहत
चीन ने पहले कहा था कि वह भारत द्वारा स्थापित "लद्दाख के केंद्र शासित प्रदेश" को अवैध रूप से मान्यता नहीं देता है। जिसके जवाब में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने सामरिक महत्व के क्षेत्रों में निर्मित 44 प्रमुख पुलों का उद्घाटन किया था। भारत सरकार के मुताबिक, नए पुल से सीमा के करीब सैनिकों और हथियारों की तेजी से आवाजाही में आसानी होगी। लेकिन चीन ने इसे लेकर आंखें दिखाना शुरू कर दिया।