सार
एस.जयशंकर ने कहा कि अभी भी कुछ मुद्दे और मसलें हैं जिसपर बातचीत होनी है। लेकिन हमने लगातार यह स्थिति बनाए रखी है कि अगर चीन सीमावर्ती इलाकों में शांति भंग करता है, तो इसका संबंधों पर असर पड़ेगा। जयशंकर, दो साल पहले लद्दाख में झड़प के बाद चीन के साथ बिगड़े रिश्तों पर एक सवाल का जवाब दे रहे थे।
नई दिल्ली। भारत ने एक बार फिर चीन (India to China) को दो टूक चेतावनी दी है। विदेश मंत्री एस जयशंकर (S.Jaishankar) ने शुक्रवार को कहा कि भारत ने लगातार अपना रुख कायम रखा है कि अगर चीन ने सीमावर्ती इलाकों में शांति भंग की तो इसका असर द्विपक्षीय संबंधों पर पड़ेगा। जयशंकर ने कहा कि कमांडरों के स्तर पर हमारी 15 दौर की बातचीत हुई है, कमांडरों के साथ विशेषज्ञ भी भाग ले रहे हैं। हमने कुछ प्रगति की है।
कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर समाधान के नजदीक
एस.जयशंकर ने कहा कि अभी भी कुछ मुद्दे और मसलें हैं जिसपर बातचीत होनी है। लेकिन हमने लगातार यह स्थिति बनाए रखी है कि अगर चीन सीमावर्ती इलाकों में शांति भंग करता है, तो इसका संबंधों पर असर पड़ेगा। जयशंकर, दो साल पहले लद्दाख में झड़प के बाद चीन के साथ बिगड़े रिश्तों पर एक सवाल का जवाब दे रहे थे।
जयशंकर ने समझाया, "मैंने 2020 और 2021 में कहा है और 2022 में भी कह सकता हूं- हमारे संबंध सामान्य नहीं हैं। जबतक सीमा की स्थिति सामान्य नहीं होती है तबतक दोनों देशों के बीच संबंध सामान्य नहीं हो सकते हैं। उन्होंने कहा कि सीमा की स्थिति एक बड़ी समस्या बनी हुई है क्योंकि चीनी सेना दो सर्दियों से हमारी जमीन पर कब्जा कर रही है।
संघर्ष में किसी का हित नहीं
विदेश मंत्री ने कहा कि सशस्त्र बल सीमा पर मजबूती से हैं। स्थितियां बहुत तनावपूर्ण है। यह एक खतरनाक स्थिति भी हो सकती है, इसलिए हम बातचीत कर रहे हैं। जयशंकर ने कहा कि रूस-यूक्रेन युद्ध के कारण ईंधन की कीमतों में तेज वृद्धि हुई है। व्यापार और आयात प्रभावित हुए, खासकर सूरजमुखी के तेल का आयात प्रभावित हुआ है। उन्होंने कहा कि भारत का हमेशा यह मानना रहा है कि संघर्ष किसी के हित में नहीं है। संवाद और कूटनीति सबसे अच्छे जवाब हैं और भारत उसी संदेश को दोहराता रहा।
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