सार
UN report ने वैश्विक आबादी पर विस्तृत अध्ययन किया गया है। ग्लोबल पापुलेशन पर रिपोर्ट में भारत और चीन का जिक्र करते हुए संयुक्त राष्ट्र ने आर्थिक विकास को लेकर भी चिंताएं व्यक्त की है।
नई दिल्ली। आबादी पर अगर कंट्रोल नहीं हुआ तो अगले एक साल में भारत दुनिया की सबसे अधिक आबादी वाला देश होगा। भारत, 2023 में चीन को पीछे छोड़ देगा। संयुक्त राष्ट्र की एक रिपोर्ट के अनुसार भारत 2023 में दुनिया के सबसे अधिक आबादी वाले देश के रूप में चीन को पीछे छोड़ देगा। इस साल 1.4 बिलियन से अधिक निवासियों की गिनती होगी। चेतावनी दी गई है कि हाई फर्टिलिटी रेट, आर्थिक विकास के लिए चुनौती साबित होगी।
15 नवम्बर तक दुनिया की आबादी 8 अरब को छूने लगेगी
विश्व जनसंख्या दिवस पर जारी रिपोर्ट में कहा गया है कि इस साल 15 नवंबर तक दुनिया की आबादी 8 अरब तक पहुंचने का अनुमान है, जो 2030 में बढ़कर 8.5 अरब और 2100 में 10.4 अरब हो सकती है। घरेलू जनगणना के अनुसार, 2011 में भारत की जनसंख्या 1.21 बिलियन थी। सरकार ने COVID-19 महामारी के कारण 2021 की जनगणना को टाल दिया था। भारत में जनगणना हर एक दशक पर होती है। संयुक्त राष्ट्र के अनुमानों से पता चलता है कि 1950 के बाद से दुनिया की आबादी सबसे धीमी गति से बढ़ रही थी, 2020 में 1% से नीचे गिर गई।
प्रजनन क्षमता औसत एक महिला 2.3 जन्म
2021 में, दुनिया की आबादी की औसत प्रजनन क्षमता जीवन भर में प्रति महिला 2.3 जन्म थी, जो 1950 में लगभग 5 थी। वैश्विक प्रजनन क्षमता में 2050 तक प्रति महिला 2.1 जन्म तक और गिरावट का अनुमान है। संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने एक बयान में कहा कि यह हमारी विविधता का जश्न मनाने, हमारी आम मानवता को पहचानने और स्वास्थ्य में प्रगति पर आश्चर्य करने का अवसर है, जिसने जीवनकाल बढ़ाया है और नाटकीय रूप से मातृ एवं बाल मृत्यु दर में कमी आई है।
कोरोना महामारी में 14.7 मिलियन मौतें
विश्व स्वास्थ्य संगठन की एक पूर्व रिपोर्ट के अनुसार जनवरी 2020 और दिसंबर 2021 के बीच COVID-19 महामारी से लगभग 14.9 मिलियन मौतों का अनुमान है। संयुक्त राष्ट्र की रिपोर्ट में कहा गया है कि जन्म के समय वैश्विक जीवन प्रत्याशा 2019 में 72.8 वर्ष से 2021 में 71 वर्ष तक गिर गई। यूएन ने कहा कि 2050 तक वैश्विक जनसंख्या में अनुमानित वृद्धि का आधा से अधिक आठ देशों - कांगो, मिस्र, इथियोपिया, भारत, नाइजीरिया, पाकिस्तान, फिलीपींस और संयुक्त गणराज्य तंजानिया में केंद्रित होगा। उप-सहारा अफ्रीका के देशों के 2050 तक प्रत्याशित वृद्धि के आधे से अधिक योगदान करने की उम्मीद है। हालांकि, प्रजनन क्षमता में गिरावट के कारण 2022 और 2050 के बीच 61 देशों की जनसंख्या में 1% या उससे अधिक की कमी होने का अनुमान है।
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