सार

भारत लगातार अपने सैन्य ताकत बढ़ाने की दिशा में काम कर रहा है। हाल ही में रक्षा मंत्रालय ने सेना के आधुनिकीकरण के लिए 130 अरब डॉलर यानि तकरीबन साढ़े नौ लाख करोड़ रूपए खर्च करने की योजना बनाई है।

नई दिल्ली. भारत लगातार अपने सैन्य ताकत बढ़ाने की दिशा में काम कर रहा है। हाल ही में रक्षा मंत्रालय ने सेना के आधुनिकीकरण के लिए 130 अरब डॉलर यानि तकरीबन साढ़े नौ लाख करोड़ रूपए खर्च करने की योजना बनाई है। इसके लिए शस्त्र आदि बनाने वाली कई इजरायली कंपनियों से करार किया जाएगा, उन्हें न्यौता भेजा जा चुका है। इसके अलावा दोनों ही देश बिग डेटा ऐनालिसिस और साइबर सिक्यॉरिटी जैसे 9 प्रमुख क्षेत्रों में रिसर्च ऐंड डिवेलपमेंट पर आपसी सहयोग कर रहे हैं।

इजरायल के साथ लगातार मजबूत होते रिश्ते और साझेदारी के बीच भारत ने अपनी विशाल रक्षा जरूरतों के लिए वहां की कंपनियों को न्योता दिया है। भारत 2027 तक हथियारों के मामले में 70 प्रतिशत तक आत्मनिर्भर होने का लक्ष्य रखा है। भारत अगले 7-8 सालों में सैन्य आधुनिकीकरण पर 130 अरब डॉलर यानी करीब 9 लाख 58 हजार करोड़ रुपये खर्च करने वाला है। इंडिया-इजरायल डिफेंस को-ऑपरेशन पर हुए वेबिनार में रक्षा मंत्रालय में जॉइंट सेक्रटरी संजय जाजू ने भी इस बात के संकेत दिए थे।

4 कंपनियों के साथ किए गए 23 रक्षा करार 
वेबिनार में संजय जाजू ने बताया कि भारत की 9 कंपनियों ने इजरायल की 4 कंपनियों के साथ 23 रक्षा करार किए हैं। दोनों देशों की कंपनियों के बीच अब तक 7 जॉइंट वेंचर स्थापित हो चुके हैं। भारत और इजरायल के बीच सालाना 4.9 अरब डॉलर का व्यापार होता है। इसमें इजरायल 1 बिलियन डॉलर से ज्यादा के तो भारत को हथियार बेचता है। साल 2000 के बाद से भारत के डिफेंस सेक्टर में इजरायल ने 20 करोड़ डॉलर से ज्यादा का निवेश किया है।

रक्षा क्षेत्र में भी 70 फीसदी आत्मनिर्भरता का लक्ष्य 
वेबिनार में जाजू ने बताया कि 1992-93 में भारत हथियारों और गोला-बारूदों की अपनी जरूरतों का सिर्फ 30 प्रतिशत उत्पादन करता था। 2014-15 में जब 'मेक इन इंडिया' लॉन्च हुआ तो यह आंकड़ा बढ़कर 40 से 45 प्रतिशत पहुंच गया। भारत ने 2027 तक रक्षा क्षेत्र में 70 प्रतिशत आत्मनिर्भरता हासिल करने का लक्ष्य रखा है। यही वजह है कि अब उसने 101 डिफेंस आइटम्स के आयात पर बैन लगा दिया है।