सार

पूर्वोत्तर के तेजपुर, चाबुआ, जोरहट  और हाशिमारा एयरबेस पर गुरुवार और शुक्रवार को इंडियन एयरफोर्स द्वारा अभ्यास किया जा रहा है। इसमें सुखोई एमकेआई 30, राफेल समेत भारतीय वायुसेना के सभी फ्रंटलाइन फाइटर हिस्सा ले रहे हैं।

नई दिल्ली। अरुणाचल प्रदेश के तवांग में चीनी सैनिकों और भारतीय जवानों के बीच हुए झड़प के बाद गुरुवार को उत्तर पूर्व में भारतीय वायु सेना (Indian Air Force) द्वारा अभ्यास शुरू किया गया। यह शुक्रवार तक चलेगा। इस दौरान आसमान में भारत के लड़ाकू विमान गरजेंगे। भारत की ताकत देख एलएसी पर आंखें दिखा रहे ड्रैगन का हौसला पस्त हो गया है।

अभ्यास में सुखोई एमकेआई 30 और राफेल फाइटर प्लेन हिस्सा ले रहे हैं। इसके साथ ही अपाचे अटैक हेलिकॉप्टर भी दम दिखाएंगे। इस दौरान भारतीय वायु सेना अपनी आक्रामक और रक्षात्मक दोनों क्षमताओं को परख रही है। पूर्वोत्तर के तेजपुर, चाबुआ, जोरहट  और हाशिमारा एयरबेस पर अभ्यास हो रहा है। 

वायुसेना का यह अभ्यास पहले से तय था। इस बीच 9 दिसंबर को तवांग सेक्टर में भारत और चीन के सैनिकों के बीच झड़प होने से इसकी महत्ता और बढ़ गई है। चीन की ओर से पिछले कुछ समय से एलएसी पर आक्रामकता बढ़ाई गई है। एलएसी पर भारत के चौकियों की ओर बढ़ रहे चीनी ड्रोनों को खदेड़ने के लिए Su-30MKI विमानों को उड़ान भरना पड़ा है। इसके बाद से भारत द्वारा एलएसी पर कॉम्बैट पेट्रोलिंग की जा रही है।

 संसद में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा है कि चीनी सैनिकों ने तवांग सेक्टर के यांग्त्से क्षेत्र में एलएसी को पार करने और एकतरफा रूप से यथास्थिति बदलने का प्रयास किया था। भारतीय सैनिकों ने इसका दृढ़ता से मुकाबला किया। भारतीय जवानों ने बहादुरी से पीएलए को हमारे क्षेत्र में घुसपैठ करने से रोका और उन्हें अपने पोस्ट पर लौटने के लिए मजबूर किया। रक्षा सूत्रों के अनुसार यांग्त्से क्षेत्र में झड़प से पहले चीनी ड्रोन अरुणाचल प्रदेश में एलएसी पर भारतीय चौकियों की ओर बहुत आक्रामक तरीके से बढ़े थे। इसके बाद भारतीय वायु सेना के Su-30MKI लड़ाकू विमानों ने खदेड़ दिया था।

स्लीपिंग बैग लेकर आए थे चीनी सैनिक
तवांग सेक्टर के पास यांग्स्ते क्षेत्र में चीनी सैनिक स्लीपिंग बैग लेकर आए थे। भारतीय जवानों ने उन्हें लाठी से पीट-पीटकर भगाया। भारतीय सैनिकों ने चीनी सैनिकों द्वारा छोड़े गए स्लीपिंग बैग और अन्य उपकरण बरामद किए हैं। चीनी सेना के जवानों द्वारा छोड़े गए स्लीपिंग बैग अत्यधिक ठंडे तापमान में खुले इलाकों में जीवित रहने में मदद करते हैं। पिटाई खाकर पीछे हटते समय चीनी सैनिकों ने कुछ कपड़े और उपकरण सहित अन्य सामान भी छोड़ दिया था।

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हर साल मार खाकर लौटते हैं चीनी
तवांग सेक्टर में हुई झड़प को लेकर पूर्व सेना प्रमुख जनरल एमएम नरवणे ने कहा कि चीन हर साल 2-3 बार एलएसी पर घुसपैठ की कोशिश करता है। चीनी सैनिक हर बार मार खाकर लौट जाते हैं। चीन की सेना खुद को स्मार्ट और प्रोफेशनल बताती है, लेकिन उनकी हरकतें हुड़दंगियों जैसी हैं। 

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