भारतीय सेना को 2-3 सप्ताह में 7000 AK-203 राइफल मिलने वाले हैं। इसका रेंज 800 मीटर है। एक मिनट में 700 राउंड गोली चला सकता है। आइए इसकी ताकत जानते हैं।

AK-203 rifles: इंडियन आर्मी को अगले 2-3 सप्ताह में Kalashnikov AK-203 राइफल का अगला बैच मिलने वाला है। इसमें 7000 राइफल होंगे। AK-203 का निर्माण भारत और रूस के बीच हुए समझौते के तहत उत्तर प्रदेश के अमेठी में किया जा रहा है। इसे दुनिया के सबसे घातक राइफलों में से एक माना जाता है। इससे फायर होने वाली गोली के पास इतनी ताकत होती है कि 800 मीटर दूर मौजूद दुश्मन की खोपड़ी खोल दे। आइए AK-203 की ताकत के बारे में जानते हैं।

AK-203 राइफल की 9 खास बातें

1- AK-203 राइफल द्वारा 7.62x39mm की गोली फायर की जाती है।

2- AK-203 का रेंज 800 मीटर है। यह गोली लंबी दूरी तक अपनी ताकत बनाए रखती है।

3- AK-203 गैस-ऑपरेटेड राइफल है। Ak-47 की तरह इसे इस्तेमाल करना आसान है। अधिक रख-रखाव की जरूरत नहीं होती।

4- AK-203 के फ्रेम और हैंडगार्ड के ऊपर व नीचे पिकाटनी रेल लगा है। इसपर सैनिक कई तरह के ऑप्टिक्स (निशाना लगाने के लिए जिसके अंदर से देखा जाता है) और दूसरे उपकरण लगा सकते हैं।

5- AK-203 की लंबाई 37 इंच है। इसे छोटा कर 27.8 इंच का किया सकता है। इसके बैरल की लंबाई 16.3 इंच है।

6- AK-203 से प्रति मिनट 700 गोलियां चलाई जा सकती हैं।

7- AK-203 का वजन 3.8kg है। इसमें 30 राउंड या 50 राउंड के मैगजीन लगा सकते हैं।

8- AK-203 में एडजस्टेबल फोल्डिंग बटस्टॉक लगा है। इससे सैनिक जरूरत के अनुसार राइफल की लंबाई कम कर सकते हैं। बटस्टॉक राइफल का वह हिस्सा है जो सैनिक के कंधे के संपर्क में आता है और गोली चलाने से पैदा होने वाले झटके को सहने में मदद करता है।

9- AK-203 में गोली चलाने के दो मोड (सिंगल और फुल ऑटो) हैं। सिंगल मोड में एक बार ट्रिगर दबाने पर एक गोली फायर होती है। फुल ऑटो मोड में जब तक ट्रिगर दबाए रखें गोली चलती रहती है और मैगजीन खाली होने पर ही रुकती है।