सार

भारतीय सेना की एक खास टुकड़ी अगस्त में तुर्कमेनिस्तान के 30वें स्वतंत्रता दिवस पर अश्गाबात जाएगी। भारतीय सेना की यह स्पेशल टुकड़ी यहां सितंबर में होने वाले स्वतंत्रता दिवस कार्यक्रम में हिस्सा लेगी। यह टीम तुर्कमेंनिस्तान में अपना हुनर दिखाएगी।
 

नई दिल्ली. भारतीय सेना की एक खास टुकड़ी अगस्त में तुर्कमेनिस्तान के 30वें स्वतंत्रता दिवस पर अश्गाबात जाएगी। भारतीय सेना की यह स्पेशल टुकड़ी यहां सितंबर में होने वाले स्वतंत्रता दिवस कार्यक्रम में हिस्सा लेगी। यह टीम तुर्कमेंनिस्तान में अपना हुनर दिखाएगी।

एशियानेट हिंदी के सहयोगी ASIANET NEWSABLE को भारतीय सेना के सूत्रों ने बताया कि भारतीय सेना के 16-स्पेशल फोर्स और तुर्कमेनिस्तान के जवान हिमाचल प्रदेश के  SFTS में स्काईडाइविंग की पहले चरण की ट्रेनिंग कर रहे हैं। यह 27 मार्च तक पूरी होगी।  

अगस्त में जवान दूसरे चरण की ट्रेनिंग के लिए जाएंगे। ताकि, वे मौजूदा चुनौतियों के लिए खुद को विकसित कर सकें। तुर्कमेनिस्तान मध्य एशिया का दूसरा सबसे बड़ा देश है। यह 27 अक्टूबर 1991 में सोवियत संघ से अलग होकर एक स्वतंत्र देश बन  गया था। 

तुर्कमेनिस्तान में 2017 में पब्लिक हॉलिडे का रिव्यू किया। इसके बाद स्वतंत्रता दिवस 29 सितंबर की बजाए 27 अक्टूबर को मनाने का फैसला किया। 

हिमाचल स्थित वर्ल्ड क्लास इंफ्रास्ट्रक्चर वाले SFTS ट्रेनिंग सेंटर में मित्र देशों की सेनाओं के जवानों की शारीरिक क्षमताओं  को बढ़ाने के लिए ट्रेनिंग दी जाती है। यहां जवानों को चोट और मानसिक तनाव से उबराने के लिए ट्रेनिंग दी जाती है, ताकि वे प्रशिक्षण और लड़ाकू अभियानों में बेहतर प्रदर्शन कर सकें। 

एक विशेषज्ञ के मुताबिक, मध्य एशिया में भारत की सुरक्षा, ऊर्जा और आर्थिक अवसरों पर विशेष रूचि है। मध्य एशिया को एशिया और यूरोप के बीच एक ब्रिज के तौर पर देखा जाता है। ऐसे में यह भारत के लिए काफी अहम हो जाता है। 

मध्य एशिया में सुरक्षा, स्थिरता और समृद्धि भारत के लिए शांति और आर्थिक विकास लाने वाला है। हिमाचल प्रदेश के एसएफटीएस में भारतीय सेना यूके, अमेरिका, श्रीलंका, रूस, फ्रांस और बांग्लादेश, थाईलैंड की सेनाओं के साथ जॉइंट अभ्यास भी कर चुकी है।