सार
भारत के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और विदेश मंत्री एस जयशंकर 7 से 10 सितंबर के तक जापान के महत्वपूर्ण दौरे पर रहेंगे। हिंद-प्रशांत क्षेत्र को लेकर लंबे समय से चीन तनाव पैदा कर रहा है। ‘टू प्लस टू’ संवाद के दौरान दोनों देश हिंद-प्रशांत क्षेत्र में हो रहे घटनाक्रम पर भी चर्चा हो सकती है।
नई दिल्ली. भारत और जापान के बीच वर्षों पुराने रिश्तों में एक नई कड़ी जुड़ने जा रही है। भारत के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह(Defense Minister Rajnath Singh) और विदेश मंत्री एस जयशंकर(External Affairs Minister S Jaishankar) 7 से 10 सितंबर के तक जापान के महत्वपूर्ण दौरे पर रहेंगे। दोनों नेता जापान के रक्षा मंत्री यासुकाजु हमादा और विदेश मंत्री योशिमासा हयाशी से विभिन्न मुद्दों पर बातचीत करेंगे। विदेश मंत्रालय ने बताया कि दोनों देश द्विपक्षीय साझेदारी को और मजबूत करने के नए तरीके तलाशेंगे। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह मंगोलिया के दौरे पर हैं। वे वहीं से सीधे जापान पहुंचेंगे। (यह तस्वीर 6 सितंबर की है। राष्ट्रपति भवन में बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना के औपचारिक स्वागत के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और विदेश मंत्री एस जयशंकर चर्चा करते हुए)
जापान करेगा 3,20,000 करोड़ का निवेश
इस मीटिंग से पहले ही जापान भारत में एक बड़े इन्वेस्टमेंट का ऐलान कर चुका है। जापान के प्रधानमंत्री फुमियो किशिदा(Japanese Prime Minister Fumio Kishida) ने भारत-जापान शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए भारत की यात्रा की थी। यानी अब करीब पांच महीने बाद ‘टू प्लस टू’ संवाद होने जा रहा है। नई दिल्ली में शिखर वार्ता के दौरान किशिदा ने भारत में अगले पांच सालों तक 3,20,000 करोड़ रुपए के एक बड़े इन्वेस्टमेंट का ऐलान किया था। बता दें कि जापान के साथ भारत ने 2019 में ‘टू प्लस टू’ संवाद शुरू किया था। जापान के अलावा भारत कुछ अन्य देशों जैसे-अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया और रूस के साथ ‘टू प्लस टू’ संवाद आयोजित करता है।बता दें कि अगले साल आस्ट्रेलिया स्क्वाड की मेजबानी कर रहा है। ऑस्ट्रेलियाई उच्चायुक्त बैरी ओ फैरेल ने कहा-मुझे खुशी है कि ऑस्ट्रेलिया अगले साल क्वाड की मेजबानी कर रहा है... भारत, ऑस्ट्रेलिया, जापान और USA अपने क्षेत्र, सुरक्षा, स्वास्थ्य और जलवायु परिवर्तन के मुद्दों पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं।
भारत-जापान ने 2018 में 2+2 संवाद आयोजित करने का फैसला लिया था। भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और जापानी प्रधानमंत्री शिंजो आबे ने जापान के टोक्यो में 13वीं भारत-जापान वार्षिक शिखर बैठक में यह महत्वपूर्ण फैसला लिया था। इसके अलावा दोनों देशों के विदेश और रक्षा मंत्रियों के संवाद का आयोजन पहली बार 30 नवंबर 2019 को नई दिल्ली में हुआ था। इससे पहले अप्रैल 2022 में भारत के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और विदेश मंत्री एस जयशंकर 2+2 वार्ता के लिए 5 दिनों के अमेरिका दौरे पर गए थे। दोनों मंत्रियों ने अमेरिकी रक्षा मंत्री लॉयड ऑस्टिन और विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन से अलग अलग मुलाकात की।
चीन की दादागीरी पर लगाम
हिंद-प्रशांत क्षेत्र को लेकर लंबे समय से चीन तनाव पैदा कर रहा है। ‘टू प्लस टू’ संवाद के दौरान दोनों देश हिंद-प्रशांत क्षेत्र में हो रहे घटनाक्रम पर भी चर्चा हो सकती है। हिंद-प्रशांत क्षेत्र में चीन की हरकतें बढ़ती जा रही हैं। पिछले दिनों चीन ने ताइवान के नज़दीक एक उकसाने वाला सैन्य अभ्यास किया था। चीन लंबे समय से ताइवान पर हक जताता रहा है। इसे लेकर उसकी अमेरिका से भी तनातनी चल रही है। भारत-जापान चीन को सही रास्ते पर लाने की भी किसी रणनीति पर विचार कर सकते हैं।
यह भी पढ़ें
यही है वो मछली जल की रानी, जो 10 डॉलर में 1KG आती है, समुद्री लुटेरों की भी रहती है इस पर नजर
शेख हसीना का भारत दौरा: दोनों देशों ने किए सात समझौते, कई परियोजनाओं का हुआ उद्घाटन