सार
सबसे अधिक प्रभावित क्षेत्रों का हवाई सर्वेक्षण करने, हताहतों को निकालने और आवश्यकतानुसार राहत सामग्री पहुंचाने हेतु हवाई सर्वेक्षण करने के लिए नौसेना के विमानों को नौसेना वायु स्टेशनों, विशाखापत्तनम में आईएनएस देगा और चेन्नई के पास आईएनएस राजाली को तैयार रखा गया है।
नई दिल्ली. बंगाल की खाड़ी में उत्पन्न हुए चक्रवाती तूफान (cyclone) 'गुलाब' (Gulab) के अगले 12 घंटों में उत्तरी आंध्र प्रदेश और दक्षिण ओडिशा तट के मध्य पहुंचने की उम्मीद है, ऐसे में भारतीय नौसेना इस चक्रवाती तूफान की हर स्थिति पर बारीकी से नजर रखे हुए है। मुख्यालय पूर्वी नौसेना कमान और ओडिशा क्षेत्र के प्रभारी नौसेना अधिकारियों ने चक्रवात के असर से निपटने के लिए अपनी तैयारियों को पूरा कर लिया है और आवश्यकतानुसार सहायता प्रदान करने के लिए राज्य प्रशासनों के साथ निरंतर संपर्क में है।
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इसकी तैयारियों के हिस्से के रूप में बाढ़ राहत दल और गोताखोरी दल ओडिशा में तैनात किये गए हैं तथा तत्काल सहायता प्रदान करने के लिए विशाखापत्तनम में पूरी तरह से मुस्तैद हैं। संभावित सर्वाधिक प्रभावित होने वाले क्षेत्रों में सहायता प्रदान करने के लिए मानवीय सहायता और आपदा राहत (एचएडीआर) सामग्री तथा चिकित्सा टीमों के साथ नौसेना के दो जहाज समुद्र में मौजूद हैं।
सबसे अधिक प्रभावित क्षेत्रों का हवाई सर्वेक्षण करने, हताहतों को निकालने और आवश्यकतानुसार राहत सामग्री पहुंचाने हेतु हवाई सर्वेक्षण करने के लिए नौसेना के विमानों को नौसेना वायु स्टेशनों, विशाखापत्तनम में आईएनएस देगा और चेन्नई के पास आईएनएस राजाली को तैयार रखा गया है।
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भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (IMD) के अनुसार, बंगाल की खाड़ी के उत्तर और मध्य हिस्से पर बना गहरे दबाव का क्षेत्र 14 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से पश्चिम की ओर बढ़ा है। शनिवार को सुबह साढ़े आठ बजे गहरे दबाव का क्षेत्र गोपालपुर से 510 किलोमीटर पूर्व-दक्षिणपूर्व और आंध्र प्रदेश में कलिंगपत्तनम से 590 किलोमीटर पूर्व में स्थित था। आईएमडी ने कहा, 'यह 26 सितंबर की शाम तक कलिंगपत्तनम के आसपास विशाखापत्तनम और गोपालपुर के बीच उत्तर आंध्र प्रदेश और दक्षिण ओडिशा तटों की ओर बढ़ सकता है।' आईएमडी के महानिदेशक डॉ. मृत्युंजय मोहपात्र ने बताया कि चक्रवाती तूफान के प्रभाव से 95 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार तक हवा चलने का अनुमान है।