सार

भारतीय नौसेना (Indian Navy) के एयरक्राफ्ट कैरियर आईएनएस विक्रमादित्य में आग लग गई। नौसेना के जवानों ने आग पर काबू पा लिया। हादसे में कोई हताहत नहीं हुआ है।
 

नई दिल्ली। भारतीय नौसेना (Indian Navy) के एकमात्र एयरक्राफ्ट कैरियर आईएनएस विक्रमादित्य में बुधवार को आग लग गई। पोत पर तैनात नौसेना के जवानों ने समय रहते आग पर काबू पा लिया। पोत से एक विमान के उड़ान भरने के दौरान हादसा हुआ था। 

घटना के वक्त पोत कारवार के पास था। भारतीय नौसेना के अनुसार आग को पोत के फायरफाइटिंग सिस्टम्स का इस्तेमाल कर बुझा दिया गया। हादसे में कोई हताहत नहीं हुआ है। घटना की जांच के लिए बोर्ड ऑफ इंक्वायरी का गठन किया गया है। आग क्यों लगी इसकी पड़ताल की जा रही है। नौसेना मुख्यालय ने रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह को घटना से अवगत करा दिया है। इससे पहले अप्रैल 2019 में विमानवाहक पोत में आग लगने से नौसेना के एक अधिकारी की मौत हो गई थी। पिछले साल मई में भी आईएनएस विक्रमादित्य में मामूली आग लगी थी। 

इकलौता विमान वाहक पोत है विक्रमादित्य
गौरतलब है कि आईएनएस विक्रमादित्य भारतीय नौ सेना का एकमात्र एयरक्राफ्ट कैरियर है। एयरक्राफ्ट कैरियर उन पोतों को कहा जाता है जो विमानों को लेकर समुद्र में तैरते हैं। पोत पर एयरपोर्ट की तरह रनवे होता है जहां से विमान टेक ऑफ और लैंडिंग करते हैं। इन पोतों पर लड़ाकू विमान तैनात किए जाते हैं। 

वर्तमान में भारत के पास आईएनएस विक्रमादित्य एकमात्र एयरक्राफ्ट कैरियर है। इसपर लड़ाकू विमान मिग-29के को तैनात किया गया है। स्वदेशी विमान वाहक पोत विक्रांत नौसेना में शामिल होने के लिए तैयार है। अभी इसका सी ट्रायल चल रहा है। इसे अगले महीने नौ सेना में शामिल कराया जाएगा।

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44,500 टन है आईएनएस विक्रमादित्य का वजन
आईएनएस विक्रमादित्य कीव-श्रेणी का विमानवाहक पोत है। इसे 2013 में रूस से 2.3 बिलियन अमेरिकी डॉलर देकर खरीदा गया था। 44,500 टन वजनी यह युद्धपोत करीब 284 मीटर लंबा है। इसकी ऊंचाई करीब 60 मीटर है। यह 20 मंजिला इमारत के समान है। जहाज में कुल 22 डेक हैं। इसमें 30 से अधिक विमानों को ले जाने की क्षमता है, जिसमें मिग 29K जेट, कामोव 31 और कामोव 28 हेलीकॉप्टर शामिल हैं। 

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