सार
भारतीय नौसेना का पहला प्रशिक्षण बेड़ा रविवार से श्रीलंका के चार दिवसीय दौरे पर है। इसका उद्देश्य हिंद महासागर क्षेत्र में विभिन्न देशों के सामाजिक-राजनीतिक और समुद्री पहलुओं से युवा अधिकारियों और प्रशिक्षु अधिकारियों को अवगत कराना है।
नई दिल्ली : इंडियन नेवी (Indian Navy) का पहला ट्रेनिंग स्क्वैड्रन चार दिवसीय श्रीलंका दौरे पर रविवार को रवाना हो गया है। 28 अक्टूबर तक चलने वाले इस सेशन का उद्देश्य युवा अफसरों को हिंद महासागर (Indian Ocean) क्षेत्र में अलग-अलग देशों के सामाजिक-राजनीतिक और समुद्री पहलुओं से अवगत कराना है। यह तैनाती प्रशिक्षुओं को युद्धपोतों के संचालन और विदेशी राष्ट्रों के साथ दोस्ती को बढ़ावा देना सिखाएगी।
सभी जहाज SNC का हिस्सा
कोच्चि स्थित नौसेना के पहले प्रशिक्षण स्क्वाड्रन से रविवार को भेजे गए प्रशिक्षु अधिकारी 100वें और 101वें पाठ्यक्रम का हिस्सा हैं। इसके साथ जहाज सुजाता, मगर, शार्दुल, सुदर्शनी, तरंगिनी और तटरक्षक जहाज विक्रम को भी रवाना किया गया है। सभी जहाज दक्षिणी नौसेना कमान (SNC) का हिस्सा हैं, जो भारतीय नौसेना की प्रशिक्षण कमान है। इसका नेतृत्व SNC के फ्लैग ऑफिसर कमांडिंग-इन-चीफ वाइस एडमिरल एके चावला करते हैं। इंडियन नेवी पिछले चार दशकों से अधिक समय से अंतरराष्ट्रीय प्रशिक्षुओं को ट्रेनिंग दे रही है। वर्तमान में भी श्रीलंका से बड़ी संख्या में अधिकारी और नाविक यहां अलग-अलग सेलेबर में हिस्सा ले रहे हैं। कमान ने उच्च गुणवत्ता वाले प्रशिक्षण प्रदान करने के लिए विकसित रणनीति और टेक्नोलॉजी पर ध्यान केंद्रित किया है।
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टीम में ये शामिल
नौसेना की तरफ से बताया गया कि नेवी शुरुआती ट्रेनिंग पूरा होने के बाद प्रशिक्षु अधिकारियों को समुद्र में पहला कदम रखने की इजाजत देता है। इस स्क्वाड्रन में स्वदेशी रूप से निर्मित 7 जहाज तीर, सुजाता, मगर, शार्दुल, तटरक्षक जहाज विक्रम और दो सेल प्रशिक्षण जहाज INS सुदर्शनी और INS तरंगिनी शामिल हैं। INS तीर के कमांडिंग ऑफिसर कैप्टन आफताब अहमद खान को इस प्रशिक्षण स्क्वाड्रन की जिम्मेदारी दी गई है। चार दिवसीय तैनाती के दौरान जहाज मगर और शार्दुल 101 IOTC के प्रशिक्षुओं के साथ कोलंबो बंदरगाह का दौरा करेंगे, जबकि IN जहाज सुजाता, सुदर्शनी, तरंगिनी और CGS विक्रम 100वें IOTCके प्रशिक्षुओं के साथ त्रिंकोमाली जाएंगे।
भारत-श्रीलंका के बीच संबंध बढ़ाने पर जोर
इंडियन नेवी की ओर से बताया गया कि भविष्य में भारत (India) और श्रीलंका (Shri Lanka) की नौसेनाओं के बीच प्रशिक्षण गतिविधियां आयोजित करने की योजना है, जिसका उद्देश्य दोनों सेनाओं की क्षमता को बढ़ाना है। ओवरसीज डिप्लॉयमेंट के दौरान युवा अधिकारियों में सीमैनशिप और शिप हैंडलिंग को डेवलप करने और कुछ नया सीखने की भावना सामने आएगी। यह विदेशी दौरा उनमें न केवल साहस और जोश के साथ चुनौतियों का सामना करने की क्षमता विकसित करेगा, बल्कि समुद्री वातावरण की गहरी समझ और सम्मान भी पैदा करेगा। सभी जहाजों के पूरे दल को कोरोना वैक्सीन के दोनों टीके लगाने के बाद श्रीलंका भेजा गया है।
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