सार

बीमा क्लेम रिजेक्ट होने के कई कारण हो सकते हैं, जैसे शराब पीकर गाड़ी चलाना, यात्री का बीमा न होना, मेडिकल रिपोर्ट में स्टेरॉयड होना, या आतंकवादी हमले का शिकार होना। इन स्थितियों में बीमा कंपनी आपको बीमा राशि देने से मना कर सकती है।

भारत में हर घंटे औसतन 53 सड़क दुर्घटनाएँ होती हैं. इनमें 19 लोगों की मौत हो जाती है. यह संख्या साल दर साल तेजी से बढ़ रही है. अगर आप भी सड़क पर वाहन चलाते हैं, तो आपने भी अपने और अपने वाहन का बीमा करवाया होगा. दुर्घटना होने पर होने वाले नुकसान की भरपाई के लिए इंश्योरेंस क्लेम किया जाता है. कई बार ऐसा होता है कि इंश्योरेंस के सारे दस्तावेज सही होने के बावजूद आपको इंश्योरेंस नहीं मिलता है. आइए जानते हैं ऐसी ही कुछ परिस्थितियों के बारे में!

शराब पीकर गाड़ी चलाने पर

अगर आप शराब पीकर गाड़ी चलाते हैं, तो आपको तीन तरह से नुकसान उठाना पड़ सकता है. आपको आपके वाहन का बीमा नहीं मिलेगा. इसके अलावा, आपको मेडिक्लेम का लाभ भी नहीं मिलेगा. इतना ही नहीं, अगर सड़क दुर्घटना में मृत्यु हो जाती है, तो आपको टर्म इंश्योरेंस का लाभ भी नहीं मिलेगा. यानी मृत्यु के बाद परिवार को मिलने वाली बीमा राशि नहीं मिलेगी. इससे आपका परिवार भी परेशानी में पड़ सकता है.

सिर्फ आपके पास बीमा होने पर

अगर आप दो लोग एक ही वाहन में सवार होकर कहीं जा रहे हैं और दुर्घटना का शिकार हो जाते हैं, तो सिर्फ चालक का बीमा होना ही काफी नहीं है. इसमें सिर्फ चालक को ही बीमा की राशि मिलेगी. यानी पीछे बैठे व्यक्ति को बीमा कंपनी बीमा राशि देने से मना कर सकती है. इसका कारण है यात्री का बीमा न होना.

मेडिकल रिपोर्ट में स्टेरॉयड होने पर

अगर आपने किसी भी कारण से अपने शरीर में स्टेरॉयड का इस्तेमाल किया है, तो बीमा कंपनी आपके इंश्योरेंस क्लेम को रिजेक्ट कर सकती है. इसलिए जरूरत के हिसाब से ही स्टेरॉयड का सेवन करें.

आतंकवादी हमले की जिम्मेदारी नहीं

अगर आप किसी भी तरह के आतंकवादी हमले का शिकार होते हैं, तो बीमा कंपनी आपको बीमा राशि नहीं देगी.