सार
कांग्रेस से भाजपा में शामिल हुए कद्दावर नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया को लेकर एक बार फिर अफवाहों का बाजार गर्म है। दावा किया जा रहा है कि सिंधिया भाजपा से नाराज चल रहे हैं और वे पार्टी छोड़ सकते हैं। इतना ही नहीं यह भी कहा जा रहा है कि सिंधिया ने अपने ट्विटर अकाउंट से भाजपा हटा लिया है।
नई दिल्ली. कांग्रेस से भाजपा में शामिल हुए कद्दावर नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया को लेकर एक बार फिर अफवाहों का बाजार गर्म है। दावा किया जा रहा है कि सिंधिया भाजपा से नाराज चल रहे हैं और वे पार्टी छोड़ सकते हैं। इतना ही नहीं यह भी कहा जा रहा है कि सिंधिया ने अपने ट्विटर अकाउंट से भाजपा हटा लिया है। हालांकि, इन दावों पर सिंधिया ने अपनी चुप्पी तोड़ी है।
कई मीडिया रिपोर्ट्स में दावा किया जा रहा है कि सिंधिया ने ट्विटर से भाजपा का नाम हटा कर एक बार फिर जनता ता सेवक और क्रिकेट प्रेमी लिख दिया है। लेकिन इंडिया टुडे की रिपोर्ट के मुताबिक, सिंधिया ने कभी अपनी प्रोफाइल में भाजपा पार्टी का नाम लिखा ही नहीं था। ट्विटर के बायो चेंज हिस्ट्री में इसे देखा जा सकता है।
सिंधिया ने दिया जवाब
इन अफवाहों पर सिंधिया ने बड़े ही सधे अंदाज में जवाब दिया। उन्होंने लिखा, फेक न्यूज सच से ज्यादा तेजी से फैलती हैं।
क्यों लगाए जा रहे कयास?
18 साल तक कांग्रेस में रहे सिंधिया नाराज होकर 10 मार्च को भाजपा में शामिल हुए थे। पार्टी में आने के बाद उन्हें राज्यसभा भेजे जाने और केंद्रीय मंत्रिमंडल में शामिल करने की चर्चा थी। फिलहाल कोरोना के चलते दोनों वादे अभी टले हुए नजर आ रहे हैं।
वहीं, दूसरी ओर सिंधिया के साथ कांग्रेस के 22 विधायक भी भाजपा में शामिल हुए थे। इनमें से 2 को मंत्री पद भी मिल चुका है। इसके अलावा मप्र उपचुनाव में सिंधिया से सभी 22 सीटों पर समर्थित विधायकों को टिकट देने की बात भी कही गई थी। लेकिन माना जा रहा है कि भाजपा के पुराने नेता इसका विरोध कर रहे हैं। इसलिए सभी सीटों पर टिकट तय नहीं हो पा रहे हैं।