सार
इजरायल ने गुरुवार को कहा कि जबतक उसके सभी बंधकों को मुक्त नहीं किया जाता है तबतक गाजापट्टी की घेराबंदी में कोई मानवीय राहत नहीं मिलेगी।
Israel-Palestine Conflict: इजरायल का हमास पर हमला लगातार जारी है। गाजापट्टी को इजरायल ने चारों ओर से सीज कर दिया है। बिजली, पानी और खाना सहित अन्य सभी मूलभूत आवश्यकताओं की सप्लाई बंद कर दी है। इजरायल ने गुरुवार को कहा कि जबतक उसके सभी बंधकों को मुक्त नहीं किया जाता है तबतक गाजापट्टी की घेराबंदी में कोई मानवीय राहत नहीं मिलेगी।
क्या कहा इजरायल ने?
इज़राइल ने गुरुवार को कहा कि जब तक उसके सभी बंधकों को मुक्त नहीं कर दिया जाता, तब तक गाजा पट्टी की घेराबंदी से कोई मानवीय राहत नहीं मिलेगी। दरअसल, शनिवार को हमास द्वारा इजरायल पर बेहद खतरनाक तरीके से हमले और सैकड़ों इजरायलियों को बंधक बनाए जाने के बाद छह दिनों से इजरायली सेना गाजापट्टी पर हमला कर रही है। गाजापट्टी का तमाम हिस्सा मलबे में तब्दील हो चुका है। इजरायल ने हमले के बाद यह कहा कि हमास के खात्मे तक वह चुप नहीं बैठेगा।
3000 से अधिक लोगों की मौत
इजरायल और हमास बीच संघर्ष में तीन हजार से अधिक मौतें हो चुकी हैं। शनिवार को हमास ने बार्डर से घुसपैठ कर सैकड़ों इजरायलियों को मौत के घाट उतार दिया था। जबकि पांच हजार से अधिक रॉकेट्स से हमला कर इजरायल को गंभीर चुनौती दी थी। इस हमले के बाद इजरायल ने जवाबी कार्रवाई शुरू करते हुए गाजापट्टी को हर ओर से घेर दिया है। करीब 2.3 मिलियन लोगों वाले गाजापट्टी में हमास के ठिकानों पर लगातार हमले किए जा रहे हैं। इजरायल-फिलिस्तीनी संघर्ष के 75 साल के इतिहास में अब तक का सबसे शक्तिशाली बमबारी अभियान है जिसमें पूरे पड़ोस को नष्ट कर दिया गया है। गाजा अधिकारियों का कहना है कि बमबारी में सैकड़ों लोग मारे गए हैं जबकि हजारों घायल हैं। बिजली स्टेशन बंद है। अस्पतालों में इमरजेंसी जनरेटर बंद है। यहां ईंधन नहीं है।
शनिवार को हमास के हमले के बाद इजरायल की जवाबी कार्रवाई
शनिवार को हमास ने पांच हजार से अधिक रॉकेट्स 20 मिनट के भीतर इजरायल पर दाग दिए। यही नहीं उसके सैकड़ों घुसपैठियों ने इजरायली बार्डर क्रास कर इजरायल में मारकाट मचाया। इन हत्याओं और हमले को इजरायल ने युद्ध बताते हुए पिछले छह दिनों में लगातार हमले पर हमास के ठिकानों को तहस नहस करना शुरू कर दिया है।
यह भी पढ़ें:
Israel attack on Syria: इजरायल ने सीरिया के दो मुख्य हवाई अड्डों को बनाया निशाना