सार
Gaganyaan Mission: गगनयान मिशन की सारी तैयारियां अंतिम दौर में चल रही है। इसरो चीफ एस.सोमनाथ ने आशा जताई है कि गगनयान मिशन 2026 के अंत तक लांच हो जाएगा। उन्होंने बताया कि बिना क्रू के रॉकेट्स की फ्लाइट टेस्ट अगले साल 2025 के शुरूआती महीनों में कर लिया जाएगा। गगनयान मिशन, देश का पहल मानवयुक्त अंतरिक्ष उड़ान कार्यक्रम है।
आईआईटी-गुवाहाटी में एक कार्यक्रम इसरो चीफ (ISRO Chief) ने कहा: हम पिछले चार वर्षों से गगनयान परियोजना पर काम कर रहे हैं। हमारा रॉकेट पूरी तरह से तैयार है। पहली मानव रहित परीक्षण उड़ान लॉन्च अगले साल की शुरुआत में निर्धारित है। हम इसे इस साल दिसंबर में करना चाहते थे लेकिन तकनीकी कठिनाइयों के कारण इसे थोड़ा आगे बढ़ाया जा रहा है।
भारत बनेगा चौथा देश
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के अध्यक्ष एस सोमनाथ ने बताया कि यह मिशन दुनिया के विकसित देशों की कतार में भारत जैसे विकासशील देश को खड़ा कर देगा। यह भारत के अंतरिक्ष मिशन के विकास में एक नया कीर्तिमान है।
फाइनल लांच के पहले तीन लांच
इसरो चीफ ने कहा कि 2026 के अंत में मानवयुक्त उड़ान से पहले तीन अन्य लॉन्च किए जाएंगे। पहले लॉन्च के तहत, हम व्योममित्र नामक एक रोबोट को अंदर रखेंगे। वह लॉन्च अगले साल की शुरुआत में होगा। उसके बाद हम इसी तरह की प्रकृति के दो और लॉन्च करेंगे। एक बार तीनों लॉन्च सफल हो जाने के बाद, हमारे पास मानवयुक्त मिशन होगा। सभी अंतरिक्ष यात्री तैयार हैं। हमारा लक्ष्य 2026 के अंत तक गगनयान लॉन्च करना है।
गगनयान मिशन के तहत 3 लोग भेजे जाएंगे लो-ऑर्बिट में
गगनयान मिशन के तहत 3 लोगों की एक टीम को पृथ्वी से करीब 400 किलोमीटर ऊपर पृथ्वी के लो-ऑर्बिट में ले जाना है। इसके बाद, उन्हें भारतीय समुद्री जल में उतारकर सुरक्षित रूप से पृथ्वी पर वापस लाया जाएगा। गगनयान मिशन इसरो के मजबूत हेवी-लिफ्ट लॉन्चर LVM-3 रॉकेट से लॉन्च किया जाएगा। ये 3 स्टेज में लॉन्च होगा। पहले सॉलिड स्टेज होगी, उसके बाद लिक्विड स्टेज और फिर क्रायोजेनिक स्टेज शामिल है।
90 बिलियन डॉलर की परियोजना
गगनयान मिशन 90 बिलियन डॉलर की एक स्वदेशी अंतरिक्ष परियोजना है। अगर यह प्रोजेक्ट सफल होती है तो भारत, सोवियत रूस, अमेरिका, चीन के बाद अंतरिक्ष में मानव भेजने वाला चौथा देश बन जाएगा।
चार अंतरिक्ष यात्री गननयान मिशन के लिए सेलेक्ट
गगनयान मिशन के लिए चार अंतरिक्ष यात्रियों के नामों को सेलेक्ट किया गया है। फरवरी में पीएम मोदी ने सेलेक्टेड एस्ट्रोनॉट्स के नामों का ऐलान किया था। एस्ट्रोनॉट्स, फिलहाल मिशन के लिए ट्रेनिंग ले रहे हैं। ग्रुप कैप्टन प्रशांत बालकृष्णन नायर, अंगद प्रताप, अजीत कृष्णन और विंग कमांडर शुभांशु शुक्ला को इसके लिए ट्रेनिंग दी जा रही है।
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