सार
ISRO ने अपने नए INSAT-3DS सैटेलाइट 'नॉटी बॉय' नाम का निक नेम दिया है। इस सैटेलाइट को ISRO द्वारा जियोसिंक्रोनस सैटेलाइट लॉन्च व्हीकल F14 (GSLV F 14) से लॉन्च किया गया।
श्रीहरिकोटा। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) ने शनिवार (17 फरवरी) को INSAT-3DS सैटेलाइट लॉन्च किया। इसे शाम 5:35 बजे आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से लॉन्च किया गया। यह मौसम संबंधी सैटेलाइट है। इसे लॉन्च करने का मकसद मौसम संबंधी जानकारी समेत आपदा चेतावनी की जानकारी पाना है। ISRO ने अपने नए INSAT-3DS सैटेलाइट को 'नॉटी बॉय' निक नेम दिया है। इसे ISRO ने जियोसिंक्रोनस सैटेलाइट लॉन्च व्हीकल F14 (GSLV F 14) से लॉन्च किया है।
जानें लॉन्च से जुड़ी जरूरी बातें
- INSAT-3DS सैटेलाइट तो एडवांस तरीके से तैयार किया गया है। इसका काम मौसम की भविष्यवाणी और आपदा चेतावनी देना है। इसे जमीन और महासागर की निगरानी करने के लिए डिजाइन किया गया है।
- INSAT-3D और INSAT-3DR भारत की मौसम एजेंसियों को काफी मदद करेगा और तेजी से सटीक मौसम पूर्वानुमान प्रदान करने में मदद करेगा।
- ISRO ने कहा कि अपने 16वें मिशन के दौरान GSLV का लक्ष्य INSAT-3DS मौसम उपग्रह को जियोसिंक्रोनस ट्रांसफर ऑर्बिट (GTO) में तैनात करना है।
- GSLV F 14 की मदद से INSAT-3DS को अंतरिक्ष में ले जाया गया।
क्या है GSLV-F14?
GSLV (Geosynchronous Satellite Launch Vehicle)-F14 एक रॉकेट है। 51.7 मीटर लंबे इस रॉकेट का वजन करीब 420 टन है। यह अपने सफर को तीन स्टेज में पूरा करता है। इस रॉकेट की मदद से सैटेलाइट को जियोसिंक्रोनस कक्षा में स्थापित किया गया। इस कक्षा में संचार, नेविगेशन और पृथ्वी संसाधन सर्वेक्षण जैसे काम के लिए बनाए गए सैटेलाइट को स्थापित किया जाता है।
किस काम आएगा INSAT-3DS उपग्रह?
INSAT-3DS तीसरी पीढ़ी का मौसम विज्ञान उपग्रह है। इसे जियोसिंक्रोनस ऑर्बिट में स्थापित किया गया है। इसे मौसम की भविष्यवाणी और आपदा संबंधी चेतावनी देने के लिए तैयार किया गया है। यह जमीन और महासागर की सतह की निगरानी करेगा। यह उपग्रह पहले से काम कर रहे INSAT-3D और INSAT-3DR उपग्रहों के साथ मिलकर काम करेगा। इससे मौसम संबंधी बेहतर जानकारी मिलेगी।
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