सार

पांच दिसंबर को होने वाले विधानसभा उपचुनाव से महज एक सप्ताह पहले सोमवार(28) को ओडिशा के पदमपुर में आयकर और जीएसटी विभागों ने एक के बाद एक ताबड़तोड़ छापेमारी की। इसके विरोध में बीजद समर्थक व्यापारियों ने 29 नवंबर को बंद का ऐलान किया था। हालांकि उसे वापस ले लिया गया।

भुवनेश्वर(Bhubaneswar). पांच दिसंबर को होने वाले विधानसभा उपचुनाव से महज एक सप्ताह पहले सोमवार(28) को ओडिशा के पदमपुर में आयकर और जीएसटी विभागों ने एक के बाद एक ताबड़तोड़ छापेमारी की। आईटी विभाग ने सत्तारूढ़ बीजद के करीबी माने जाने वाले तीन व्यवसायियों के पदमपुर के घरों पर छापा मारा, जबकि राज्य सरकार के जीएसटी विभाग ने भाजपा समर्थित व्यापारियों पर कार्रवाई की। पदमपुर, पैकमल और झरबंधा कस्बों में व्यापारियों पर जीएसटी कार्रवाई के खिलाफ स्थानीय व्यापारियों द्वारा मंगलवार को 12 घंटे के बंद का आह्वान किया गया था। हालांकि उसे वापस ले लिया गया। 

पदमपुर के व्यापारियों ने अधिकारियों के साथ चर्चा के बाद मंगलवार को होने वाले चुनावी शहर में 12 घंटे के बंद को वापस ले लिया है। पुलिस ने कहा कि आईटी छापे के दौरान छत्तीसगढ़ के सीआरपीएफ कर्मी बुलाए गए थे।

जानिए क्या है पूरा मामला?
 जिन लोगों के परिसरों पर जीएसटी विभाग ने छापा मारा, उनमें से एक भाजपा की पदमपुर शहर इकाई के अध्यक्ष सुनील अग्रवाल भी हैं। इससे पहले पदमपुर बनिका संघ के अध्यक्ष प्रताप मिश्र ने कहा था कि स्थानीय व्यापारियों द्वारा सुबह छह बजे से शाम छह बजे तक बंद रखा जाएगा। बंद की अवधि के दौरान सभी दुकानें और व्यापारिक प्रतिष्ठान बंद रहेंगे। उन्होंने कहा कि सरकारी और निजी कार्यालयों, स्कूलों और शैक्षणिक संस्थानों को बंद के दायरे से बाहर रखा गया है। हालांकि अब बंद वापस ले लिया गया है।

पदमपुर के दिवंगत विधायक बिजय रंजन सिंह बरिहा के करीबी माने जाने वाले व्यापारियों के घरों में आईटी के छापे मारे गए हैं, जिनकी मौत के बाद उपचुनाव कराए जा रहे हैं। बीजद ने इस बार बरिहा की बेटी बरशा सिंह बरिहा को पदमपुर से अपना उम्मीदवार बनाया है, जहां पूर्व विधायक और ओडिशा भाजपा कृषक मोर्चा के अध्यक्ष प्रदीप पुरोहित ने कड़ी चुनौती पेश की है। कांग्रेस ने अपने तीन बार के विधायक सत्य भूषण साहू को मैदान में उतारा है।

पदमपुर उपचुनाव के लिए जोरदार प्रचार के बीच बीजद ने आईटी छापों की निंदा की है। पार्टी के वरिष्ठ नेता शशि बुसान बेहरा ने कहा, "उपचुनाव से पहले आईटी के छापे स्वीकार्य नहीं हैं। आईटी के पास किसी भी जगह छापेमारी करने का पूरा समय था, लेकिन दुर्भाग्य से अब ऐसा किया।"

भाजपा ओडिशा के महासचिव पृथ्वीराज हरिचंदन ने इन छापों का समर्थन करते हुए कहा, "यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि कुछ लोग आईटी छापे का विरोध कर रहे हैं। क्या विभिन्न अपराधों की जांच कर रही जांच एजेंसी को चुनाव खत्म होने का इंतजार करना चाहिए? आईटी को जब भी अनियमितताओं के संबंध में पुख्ता जानकारी मिलती है, तो वह छापेमारी करती है।"

यह भी पढ़ें
जजों के प्रमोशन वाली कॉलेजियम की 10 फाइल सरकार ने लौटाई, सौरभ किरपाल बोले-समलैंगिक होना मेरे प्रमोशन में बाधा
भूपेश बघेल ने दी ED को चुनौती, बोले-हद में रहकर जांच करें, अमानवीय व्यवहार की शिकायत मिली तो होगी कार्रवाई