सार
डिजिटल इंडिया (Digital India) के दौर में आपका इंटरनेट (Internet) ओपन, सेफ, ट्रस्टेड और अकाउंटेबल है या नहीं इस पर आम नागरिकों के मन में तमाम तरह के सवाल उठते हैं और उसको लेकर कई तरह की अफवाहें भी उड़ती रहती हैं।
नई दिल्ली। भारत सरकार (Government of India) के इलेक्ट्रानिक्स एंड प्रौद्योगिकी मंत्रालय (IT Ministry) ने इंफार्मेशन टेक्नालॉजी (इंटरमीडिएरी गाइडलाइन्स एंड डिजिटल मीडिया एथिक्स कोड ) रुल्स 2021 (Informationa Technology Rules 2021) के सेकेंट पार्ट संबंधित सारी शंकाओं का जवाब जारी किया है। डिजिटल इंडिया (Digital India) के दौर में आपका इंटरनेट (Internet) ओपन, सेफ, ट्रस्टेड और अकाउंटेबल है या नहीं इस पर आम नागरिकों के मन में तमाम तरह के सवाल उठते हैं और उसको लेकर कई तरह की अफवाहें भी उड़ती रहती हैं।
नए रुल्स क्या फ्रीडम ऑफ स्पीच को प्रभावित करेंगे?
नहीं, भारत के संविधान (Constitution of India)में आर्टिकल 19 (Article 19) ने देश के हर एक नागरिक को फ्रीडम ऑफ स्पीच (Freedom Of Speech) का अधिकार दिया है। भारत सरकार द्वारा लागू किया गया नया आईटी कानून इस तरह से फ्रेम किया गया है जो फ्रीडम ऑफ स्पीच को संरक्षित करते हैं। सरकार का दावा है कि नया आईटी कानून (IT Law) इंटरनेट यूजर के अधिकारों को और मजबूत बनाता है। यह सेफ्टी को बढ़ाता है। यही नहीं यह कानून भारत में यूजर्स की प्राइवेसी को भी सुरक्षा प्रदान कर रहा है। नया कानून भार में महिलाओं के सम्मान और बच्चों की सेफ्टी पर भी बात करता है और उनके अनुकूल ही बनाया गया है।
इस तरह के तमाम सवाल जेहन में उठते रहते हैं। भारत सरकार के आईटी मंत्रालय ने नई गाइडलाइन के अनुसार इन सारे सवालों के जवाब जारी किए हैं ताकि लोगों के मन में जो भी दुविधाएं या शंकाएं हों उनका जवाब आसानी से मिल सके। हर नागरिक का अधिकार है कि वह अपने लिए बने कानूनों के सही-गलत की जानकारी और परख रखे। कोई भी नागरिक इन सवालों के जवाब से यह जान सकेगा कि उसके लिए बने कानून उसके अधिकारों और प्राइवेसी की कितनी रक्षा कर सकता है।
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