सार

Controversial remark on Prophet Muhammad एक टीवी डिबेट के दौरान बीजेपी की निलंबित प्रवक्ता नुपुर शर्मा ने पैगंबर पर विवादित टिप्पणी कर दी थी। इसके बाद देश-विदेशों में आलोचना शुरू हो गई। हालांकि, आलोचनाओं का दौर चल ही रहा था कि दस जून को जुमा की नमाज के बाद देश के विभिन्न हिस्सों में हिंसा होने लगी। 

नई दिल्ली। बीजेपी (BJP) की निलंबित प्रवक्ता नुपुर शर्मा (Nupur Sharma) द्वारा पैगंबर मुहम्मद (Prophet Muhammad) पर दिए गए विवादित बयान को लेकर पूरे देश में विरोध और हिंसा शुरू हो चुका है। देश के 12 राज्यों में 10 जून को जुमा की नमाज के बाद हिंसा भड़क उठी। इस हिंसा के लिए देश के प्रमुख इस्लामिक संगठन जमाअत उलेमा-ए-हिंद (Jamaat Ulema-e-Hind) ने एआईएमआईएम (AIMIM) के नेता असदुद्दीन ओवैसी (Asaduddin Owaisi) व जमाअत उलमा-ए-हिंद के दूसरे धड़े के अध्यक्ष मौलाना अरशद मदनी (Maulana Arshad Madani) को जिम्मेदार बताया है। जमाअत उलेमा-ए-हिंद के अध्यक्ष सुहैब कासमी ने कहा कि दोनों नेताओं ने देश के युवाओं को बरगलाकर हिंसा भड़काने का काम किया है। ओवैसी और मदनी जैसे लोग युवाओं को भड़काने का काम कर रहे हैं। ऐसे लोगों के खिलाफ संगठन फतवा जारी करेगा।

क्या कहा सुहैब कासमी ने?

सुहैब कासमी ने कहा कि देशभर में हुई हिंसा में शामिल आरोपियों पर एक्शन जारी है, लेकिन प्रयागराज से लेकर रांची तक हुई हिंसा का एक मॉड्यूल सामने आया है। इस हिंसा में देश को तोड़ने की साजिश करने वालों का हाथ लगता है। ओवैसी मुस्लिमों के नाम पर मलाई खा रहे हैं लेकिन देश की मौजूदा सरकार में ओवैसी की कमाई नहीं हो रही है। ओवैसी और मौलाना मदनी की बयानबाजी से युवाओं को भड़काना एक ही अंदाज में प्रदर्शन का एजेंडा लगता है। 

मुस्लिम राष्ट्रीय मंच बोला-हिंसा करने वालों को इस्लाम से बाहर किया जाए

उधर, देश के कई राज्यों में भड़की हिंसा के बाद मुस्लिम राष्ट्रीय मंच ने दंगाईयों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से जुड़े मुस्लिम राष्ट्रीय मंच ने मांग किया है कि इस हिंसा में भाग लेने वालों को इस्लाम से बाहर किया जाना चाहिए। इन लोगों ने धर्म को बदनाम करने के साथ साथ इस्लाम को शर्मसार करने का काम किया है। 

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