सार

जम्मू-कश्मीर को पूर्ण राज्य का दर्जा देने का प्रस्ताव केंद्र के पास। उमर अब्दुल्लाह सरकार ने पास किया प्रस्ताव, अब केंद्र सरकार करेगी फैसला।

Jammu Kashmir statehood process: जम्मू-कश्मीर को पूर्ण राज्य का दर्जा दिए जाने का फैसला अब केंद्र सरकार के पाले में है। केंद्र शासित राज्य में पहली बार बनी उमर अब्दुल्लाह सरकार की कैबिनेट ने पूर्ण राज्य का दर्जा दिए जाने संबंधी प्रस्ताव पास कर दिया था जिसे उप राज्यपाल मनोज सिन्हा ने मंजूरी देते हुए केंद्र सरकार को भेज दिया। पांच साल पहले जम्मू-कश्मीर से विशेष राज्य का दर्जा छीन लिया गया था और इसे दो केंद्र शासित प्रदेशों-जम्मू कश्मीर व लद्दाख में बांट दिया गया था।

 

मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्लाह ने की गृह मंत्री से मुलाकात

जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्लाह ने गुरुवार को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात की। उमर अब्दुल्लाह की यह मुलाकात जम्मू-कश्मीर को पूर्ण राज्य का दर्जा दिए जाने संबंधी थी। सूत्रों के अनुसार, शाह ने नवनिर्वाचित सरकार को केंद्र के पूर्ण समर्थन का आश्वासन दिया।

दरअसल, जम्मू-कश्मीर में सत्ता में आई नेशनल कांफ्रेंस और कांग्रेस गठबंधन ने चुनाव के दौरान पूर्ण राज्य का वादा किया था। जम्मू-कश्मीर को 2019 के पहले विशेष दर्जा प्राप्त था। हटाए गए अनुच्छेद 370 और 35ए के तहत, जम्मू-कश्मीर के लोगों को विशेष भूमि स्वामित्व और नौकरी के विशेषाधिकार प्राप्त थे। केंद्र सरकार ने 5 अगस्त 2019 को जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटा, उसे दो यूनियन टेरिटरी (जम्मू-कश्मीर और लद्दाख) में बांट दिया था।

उमर अब्दुल्ला सरकार के गठन के बाद कैबिनेट ने पूर्ण राज्य का दर्जा के लिए प्रस्ताव पास किया। इसको उप राज्यपाल मनोज सिन्हा ने मंजूर कर लिया है। अब केंद्र सरकार को इस पर निर्णय लेना है।

 

क्या है जम्मू-कश्मीर को पूर्ण राज्य बनाए जाने का प्रॉसेस?

 

उमर अब्दुल्लाह कैबिनेट में पूर्ण राज्य की संस्तुति के बाद एलजी मनोज सिन्हा ने भी प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। इसके बाद अब केंद्र सरकार को इस पर निर्णय लेना है। अगर केंद्र सरकार पूर्ण राज्य का दर्जा देने के लिए सहमत होती है तो वह जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन अधिनियम में बदलाव की प्रक्रिया शुरू करेगी। इसी के तहत उसे केंद्र शासित राज्य बनाया गया था।

पूर्ण राज्य के दर्जे के लिए संसद में एक कानून पारित कर पुनर्गठन अधिनियम में बदलाव करना होगा। यह बदलाव संविधान की धारा 3 और 4 के तहत होंगे। पूर्ण राज्य का दर्जा के लिए केंद्र को संसद के दोनों सदनों में प्रस्ताव पास कराना होगा। मंजूरी के बाद इसे राष्ट्रपति के पास भेजा जाएगा। राष्ट्रपति की मंजूरी के बाद जम्मू-कश्मीर को पूर्ण राज्य का दर्जा मिल जाएगा।

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