रिलायंस जियो और NHAI ने हाईवे पर यात्रियों की सुरक्षा के लिए समझौता किया है। इसके तहत जियो 4G/5G यूजर्स को दुर्घटना संभावित क्षेत्रों और अन्य खतरों की चेतावनी मोबाइल पर मिलेगी। यह अलर्ट SMS और वॉट्सऐप के जरिए भेजे जाएंगे।
नई दिल्ली: रिलायंस जियो यूजर्स को अब हाईवे पर गाड़ी चलाते समय अपने मोबाइल फोन पर सेफ्टी वॉर्निंग मिलेगी। कंपनी ने अपने 4G और 5G यूजर्स की सुरक्षा के लिए भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) के साथ एक समझौता किया है। इस समझौते के तहत पूरे नेशनल हाईवे नेटवर्क पर एक टेलीकॉम-आधारित सेफ्टी अलर्ट सिस्टम बनाया जाएगा। इसमें यात्रियों को दुर्घटना संभावित जगहों, आवारा पशुओं वाले इलाकों, कोहरे वाले क्षेत्रों और इमरजेंसी डायवर्जन जैसी जोखिम वाली जगहों के पास पहुंचने पर उनके मोबाइल फोन पर चेतावनी मिलेगी।
NHAI के चेयरमैन संतोष कुमार यादव ने कहा, "यह पहल यात्रियों को समय पर और भरोसेमंद जानकारी देने की दिशा में एक अहम कदम है। इससे वे पहले से ही सही फैसले ले सकेंगे और सुरक्षित ड्राइविंग की आदतें अपना सकेंगे। मुझे यकीन है कि यह पहल नेशनल हाईवे पर टेक्नोलॉजी से जुड़ी सड़क सुरक्षा मैनेजमेंट में एक नया स्टैंडर्ड सेट करेगी।"
यूजर्स को एडवांस में मिलेंगी हाइवेज की खतरनाक चेतावनी
नेशनल हाईवे यूजर्स को SMS, वॉट्सऐप और हाई-प्रायरिटी कॉल्स के जरिए अलर्ट भेजे जाएंगे। इस सिस्टम को फेज वाइज NHAI के डिजिटल प्लेटफॉर्म्स, जैसे 'राजमार्गयात्रा' मोबाइल एप्लिकेशन और इमरजेंसी हेल्पलाइन नंबर 1033 के साथ जोड़ा जाएगा। यह ऑटोमेटेड सिस्टम नेशनल हाईवे पर या उसके आस-पास मौजूद सभी जियो मोबाइल यूजर्स के लिए काम करेगा। यह नेशनल हाईवे पर चलने वालों को किसी खतरनाक इलाके में घुसने से पहले ही चेतावनी देगा। सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि यह सॉल्यूशन मौजूदा टेलीकॉम टावरों का इस्तेमाल करेगा और इसे बिना किसी अतिरिक्त रोडसाइड हार्डवेयर के जल्दी से लगाया जा सकता है।
जियो के 50 करोड़ सब्सक्राइबर्स को मैसेज देगी NHAI
NHAI देश में 50 करोड़ से ज़्यादा सब्सक्राइबर्स को सेवा देने वाले जियो के डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर का फायदा उठाएगी। रिलायंस जियो के प्रेसिडेंट, ज्योतिंद्र ठाकर ने कहा- यह पहल बड़े पैमाने पर समय पर सेफ्टी अलर्ट देने के लिए जियो के टेलीकॉम नेटवर्क का इस्तेमाल करती है, जिससे नेशनल हाईवे पर सफर ज़्यादा सुरक्षित और जानकारी भरा हो सकेगा। शुरुआत में, इस पहल का पायलट डिप्लॉयमेंट NHAI के कुछ क्षेत्रीय कार्यालयों के तहत जोखिम वाले क्षेत्रों की पहचान करने और अलर्ट के लिए थ्रेशोल्ड तय करने में मदद करेगा। यह पहल सभी लागू होने वाले रेगुलेटरी नियमों और डेटा-सुरक्षा की ज़रूरतों का पूरी तरह से पालन करेगी। NHAI दूसरे टेलीकॉम सर्विस प्रोवाइडर्स के साथ भी इसी तरह की कोशिश करेगा।
