सार
जेएनयू छात्र संघ का सरकार के खिलाफ जारी विरोध पर पुलिस ने लाठी चार्ज कर दिया है। सोमवार सुबह से ही छात्र संसद तक पैदल मार्च निकाल रहे है। इसके साथ ही पुलिस ने छात्रों को रोकने के लिए तमाम कोशिशें कर रही हैं। वहीं, सुरक्षा के मद्देनजर दिल्ली के तीन मेट्रो स्टेशनों का आवाजाही रोक दी गई है। वहीं, छात्रों का प्रदर्शन और तेज हो गया है जिसमें पुलिस के बैरेकेट्स तोड़ दिया है। जबकि, पुलिस ने संसद के पास धारा 144 लागू कर दिया है।
नई दिल्ली. फीस बढ़ोतरी के खिलाफ जवाहर लाल नेहरू यूनिवर्सिटी स्टूडेंट्स का संसद मार्च अपने चरम पर है। करीब दो से तीन हजार स्टूडेंट मार्च निकाल रहे हैं। जेएनयू गेट पर लगाए गए तीन बैरिकेड को छात्रों ने तोड़ दिया। इसके बाद करीब दो घंटे के संघर्ष के बाद छात्रों ने बेर सराय के बैरिकेड को भी तोड़ दिया। इसके बाद छात्रों का मार्च भीकाजी कामा प्लेस फ्लाईओवर तक पहुंच गया है। जिसके बाद पुलिस ने छात्रों को खदेड़ने के लिए लाठीचार्ज कर दिया है।
ऐसे चला घटनाक्रम
- दिल्ली पुलिस ने एडवाइजरी जारी कर कहा है कि लोक कल्याण मार्ग मेट्रो स्टेशन, उद्योग भवन, पटेल चौक स्टेशन पर गेट बंद रहेंगे और मेट्रो ट्रेन इन स्टेशनों पर रुकेगी नहीं। छात्रों के विरोध के चलते इन मेट्रो स्टेशनों को बंद कर दिया गया है।
- लखनऊ विश्वविद्यालय के छात्र भी फीस वृद्धि के खिलाफ JNU छात्रों के समर्थन में उतर आए हैं।
- छात्रों के मार्च को देखते हुए कई मेट्रो स्टेशनों को बंद कर दिया गया है।
- प्रदर्शनकारी छात्रों का कहना है कि हमारी मांगें नहीं मानी जा रही है इसलिए हम संसद तक मार्च निकालेंगे।
- छात्रों का हुजूम बेर सराय पर लगाए गए पुलिस की आखिरी बैरिकेड तक पहुंच गया है।
- छात्र बैरिकेड के ऊपर चढ़ गए हैं और आखिरी बैरिकेड को भी तोड़ने की कोशिश कर रहे हैं।
- बैरिकेड तोड़ने की कोशिश कर रहे कई छात्रों को हिरासत में लिया गया।
- दो घंटे के संघर्ष के बाद छात्रों ने बेर सराय में लगे बैरिकेड को तोड़ दिया है. हालांकि, इस दौरान करीब 200 से अधिक स्टूडेंट को हिरासत में ले लिया गया.
- छात्रों का मार्च भीकाजी कामा प्लेस पर पहुंच गया
1200 पुलिसकर्मी तैनात
जेएनयू गेट के बाहर भारी संख्या में पुलिस फोर्स की तैनाती की गई है। दिल्ली पुलिस ने 9 कंपनी फोर्स तैनात की है। करीब 1200 पुलिसकर्मी तैनात किए गए हैं, जिनमें दिल्ली पुलिस और सीआरपीएफ के जवान शामिल है। दिल्ली पुलिस के अधिकारियों का कहना है कि जेएनयू छात्रों को पार्लियामेंट तक नहीं जाने दिया जाएगा। संसद के आसपास धारा-144 लगी हुई है। सूत्रों का कहना है कि जेएनयू छात्रों को जेएनयू के आसपास ही एक किलोमीटर के दायरे में रोकने की प्लानिंग है. हालांकि किस पॉइंट पर रोका जाएगा ये अभी फाइनल नहीं किया गया है।
सांसदों से कर रहे यह मांग
छात्रसंघ ने सांसदों से सवाल किया है कि बढ़ी हुई फीस पर वे साथ देंगे। क्या सभी के लिए वे पब्लिक फंडेड एजुकेशन की मांग करेंगे। क्या वे पब्लिक फंडेड एजुकेशन पर हो रहे प्रहार को रोकेंगे? छात्रसंघ का कहना है कि छात्र आगे बढ़कर मांग करें साथ ही नीति निर्माताओं को इस बात का जवाब देने दें कि शिक्षा अधिकार है, विशेषाधिकार नहीं।
संसद सत्र के मद्देनजर सुरक्षा व्यवस्था कड़क
संसद के शीतकालीन सत्र के मद्देनजर पुलिस ने सुरक्षा व्यवस्था चुस्त दुरुस्त की गई है। जिसके लिए धारा 144 लागू कर दी गई है। आपको बता दें कि जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय छात्र संघ ने अन्य विश्वविद्यालयों के छात्रों से छात्रावास शुल्क वृद्धि और उच्च शिक्षा को प्रभावित करने वाले अन्य मुद्दों के विरोध में सोमवार को संसद तक निकाले जाने वाले मार्च में शामिल होने की अपील की है।
जेएनयूएसयू ने कहा, ‘‘ऐसे समय में जब देश में शुल्क वृद्धि बहुत अधिक पैमाने पर हो रही है, तो समग्र शिक्षा के लिए छात्र आगे आये है। हम संसद के शीतकालीन सत्र के पहले दिन जेएनयू से संसद तक निकाले जाने वाले मार्च में शामिल होने के लिए सभी छात्रों को आमंत्रित करते हैं।’’
कुलपति की अपील, क्लास में लौंटे छात्र
छात्र संघ ने दिल्ली के बाहर के छात्रों से 18 नवम्बर को आंदोलन आयोजित करने की अपील की। इस बीच जेएनयू के कुलपति जगदीश कुमार ने विरोध कर रहे छात्रों से रविवार को अपील की कि वे अपनी कक्षाओं में लौट आएं, क्योंकि परीक्षाएं नजदीक हैं। विश्वविद्यालय की वेबसाइट पर जारी एक वीडियो संदेश में उन्होंने कहा कि उन्हें चिंतित अभिभावकों और छात्रों के ई-मेल आ रहे हैं। उन्होंने कहा, “यदि हम अभी भी हड़ताल पर अड़े रहे तो इससे हजारों छात्रों के भविष्य पर असर होगा।” उन्होंने कहा, “कल से एक नया हफ्ता शुरू होगा और मैं छात्रों से अनुरोध करता हूं कि आप कक्षाओं में वापस आइए और अपने शोध कार्यों को आगे बढ़ाइए। 12 दिसंबर से सेमेस्टर परीक्षाएं शुरू होंगी और अगर आप कक्षाओं में नहीं जाएंगे तो इससे आपके भविष्य के लक्ष्य प्रभावित होंगे।”