सार

कलबुर्गी में दक्षिणपंथी और सेक्युलर गुटों के बीच वैचारिक टकराव तेज। भारत विकास संगम और सौहार्द भारत उत्सव के आयोजन को लेकर दोनों ओर से तैयारियां जोरों पर, लाखों की भीड़ जुटने की उम्मीद।

Kalaburagi new epicentre of Right and Secular clash: दक्षिण का द्वार कहे जाने वाले कर्नाटक में दक्षिणपंक्षी और सेक्युलर आईडियोलॉजी के बीच टकराहट का नया केंद्र कलबुर्गी बनता जा रहा है। वैचारिक गतिरोध का केंद्र बन रहे कलबुर्गी में जनवरी में जहां पूर्व आरएसएस-बीजेपी नेता केएन गोविंदाचार्य भारत विकास संगम का बड़ा आयोजन करने का ऐलान कर दिए हैं, वहीं सेक्युलर संगठनों ने सौहार्द भारत उत्सव की घोषणा कर वैचारिक टकराहट की स्थितियां बढ़ा दी है।

कलबुर्गी का क्या है पूरा मामला?

दरअसल, आरएसएस अगले साल भव्य तरीके से अपना मेगा शताब्दी समारोह मनाने की तैयारियां कर रहा है। इसके लिए जगह-जगह उसके विभिन्न संगठन तमाम तैयारियां करते हुए बड़े-बड़े आयोजन कर रहे हैं। कलबुर्गी में पूर्व आरएसएस-बीजेपी नेता केएन गोविंदाचार्य और पूर्व सांसद बसवराज पाटिल सेदम की अगुवाई में दक्षिणपंथी वैचारिक ग्रुप द्वारा भारत विकास संगम के बैनर तले बड़े कार्यक्रम की तैयारी की जा रही है। यह कार्यक्रम 29 जनवरी से 6 फरवरी के बीच आयोजित है।

उधर, सेक्युलर संगठनों से जुड़े तमाम नेताओं को यह आशंका है कि भारत विकास संगम का कार्यक्रम कलबुर्गी और आसपास के इलाकों में सांप्रदायिक सौहार्द को नष्ट करने के लिए आयोजित किया जा रहा है। लोगों में एकजुटता बनाए रखने के लिए प्रोग्रेसिव नेताओं ने सौहार्द भारत उत्सव मनाने का ऐलान किया है। प्रोग्रेसिव नेताओं के नेतृत्व में 17 जनवरी को विशाल जुटाने का ऐलान किया गया है।

सौहार्द भारत उत्सव के आयोजन मंडल में शामिल लिंगायत विद्वान प्रोफेसर मीनाक्षी बाली का कहना है कि हम उन्हें रोकना नहीं चाहते हैं लेकिन हम यह सुनिश्चित करना चाहते हैं कि यदि कोई संभावित सांप्रदायिकता है तो हम यह सुनिश्चित करने के लिए काम करेंगे कि दक्षिणपंथी रैली निष्फल हो जाए। इसका मूल उद्देश्य ही खत्म हो जाए। बाली ने बताया कि बेंगलुरू में कई महत्वपूर्ण बैठकें तैयारी से संबंध में हो चुकी हैं। बेंगलुरू में मीटिंग्स के बाद दावणगेरे, विजयपुरा और अन्य शहरों में रणनीति सत्र आयोजित किए गए।

दक्षिणपंथी आयोजन में काफी धन खर्च करने का आरोप

प्रोफेसर मीनाक्षी बाली का कहना है कि दक्षिणपंथी आयोजन में काफी अधिक धन का खर्च किया जा रहा है। लेकिन उन लोगों के कार्यक्रम में धन के लिए काफी मशक्कत करनी पड़ रही है। बाली ने दुख जताते हुए कहा: हमारे पास जो थोड़ा बहुत है, हम उसे एक साथ जोड़ रहे हैं। मीडिया द्वारा कांग्रेस के समर्थन या मदद पर प्रोफेसर बाली ने कहा कि कांग्रेस के पास कोई रणनीति नहीं है। वे नहीं समझते कि यहां क्या दांव पर लगा है। प्रोफेसर आरके हुडुगी ने आरोप लगाया कि भारत विकास संगम का आयोजन आरएसएस के लिए किया जा रहा है। अगले साल आरएसएस अपनी शताब्दी मनाएगा। यह कार्यक्रम उनके मेगा शताब्दी समारोह की तैयारी का कार्यक्रम है।

पूर्व सांसद का आरोप-सौहार्द भारत उत्सव केवल दिखावा

उधर, भारत विकास संगम के प्रमुख पूर्व सांसद बसवराज पाटिल सेदम ने कथित प्रोग्रेसिव संगठनों के सौहार्द भारत उत्सव को दिखावा करार दिया है। पूर्व सांसद सेदम ने कहा कि यह गोविंदाचार्य द्वारा भारत विकास संगम के माध्यम से आयोजित एक प्रमुख आयोजन है। यह हर तीन साल में आयोजित होने वाली सभाओं की श्रृंखला में सातवां है। पिछले आयोजनों में भारी भीड़ जुटी थी। कलबुर्गी में हमें 25 लाख प्रतिभागियों के आने की उम्मीद है। इसी से घबराकर विपक्ष सौहार्द उत्सव का ढोंग कर रहा।

यह भी पढ़ें:

मनमोहन सिंह स्मारक विवाद: समाधि निर्माण का क्या है नियम? सरकार कैसे करती फैसला