Kamal Haasan Modi Meeting: राज्यसभा सांसद और अभिनेता-राजनेता कमल हासन ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की। उन्होंने कीलाड़ी (Keeladi) सभ्यता की प्राचीनता को मान्यता देने और तमिल भाषा व संस्कृति को वैश्विक मंच पर ले जाने की अपील की।
Kamal Haasan Modi Meeting: तमिलनाडु से राज्यसभा सांसद और चर्चित अभिनेता-राजनेता कमल हासन (Kamal Haasan) ने गुरुवार को पीएम नरेंद्र मोदी से पहली बार संसद सदस्य बनने के बाद औपचारिक मुलाकात की। कमल हासन ने तमिल जनता के हितों को लेकर कई अहम मुद्दों को प्रधानमंत्री के समक्ष रखा।
तमिल सभ्यता और भाषा को मिले विश्व पहचान – कमल हासन
कमल हासन ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X (पूर्व में ट्विटर) पर बताया कि आज मुझे भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी से मिलने का सम्मान मिला। तमिलनाडु की जनता के प्रतिनिधि और एक कलाकार के रूप में मैंने उनके समक्ष कुछ अहम अनुरोध रखे, जिनमें सबसे महत्वपूर्ण था कीलाड़ी (Keeladi) की प्राचीनता को शीघ्र मान्यता देने की अपील। हासन ने कहा कि उन्होंने प्रधानमंत्री से आग्रह किया कि वे तमिल सभ्यता की भव्यता और तमिल भाषा की कालातीत विरासत को वैश्विक स्तर पर उजागर करने के प्रयासों को पूर्ण समर्थन दें।
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कीलाड़ी थीम वाला स्मृति चिह्न भेंट
कमल हासन ने मोदी को कीलाड़ी पर आधारित एक ममेंटो भी भेंट किया जो इस ऐतिहासिक स्थल की पुरातात्विक और सांस्कृतिक महत्ता का प्रतीक था। तमिलनाडु के वैगई नदी तट पर स्थित एक प्राचीन स्थल कीलाड़ी है, जहां खुदाई से संगम युग की नगरीय सभ्यता के प्रमाण मिले हैं। हालांकि, कीलाड़ी के निष्कर्षों को लेकर केंद्र सरकार और डीएमके (DMK) की राज्य सरकार के बीच लंबे समय से राजनीतिक टकराव जारी है।
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एक कलाकार से जनप्रतिनिधि तक – तमिल संस्कृति का दूत
कमल हासन मक्कल निधि मय्यम (MNM) के संस्थापक भी हैं। कमल हासन, दक्षिण फिल्मों के सुपर स्टार हैं। उन्होंने बालीवुड में भी कई बड़ी और हिट फिल्में की हैं। कमल हासन अपने शानदार अभिनय के लिए केवल देश में ही नहीं विदेशों में भी जाना पहचाना नाम है।
कमल हासन हाल ही में डीएमके-कांग्रेस गठबंधन के सहयोग से राज्यसभा में पहुंचे हैं। उन्होंने इस मुलाकात को न केवल एक राजनीतिक औपचारिकता बल्कि तमिल गौरव को राष्ट्रीय मंच पर लाने के प्रयास के रूप में पेश किया। उन्होंने यह भी संकेत दिए कि कीलाड़ी की ऐतिहासिकता को अंतरराष्ट्रीय मंच पर प्रमाणित करना, तमिलनाडु की सांस्कृतिक अस्मिता का सवाल है।
