सार
रेणुका स्वामी हत्या मामले का रहस्य सामने लाने में कर्नाटक के DCP एस गिरीश की बड़ी भूमिका है। पुलिस अधिकारी सचेत नहीं रहते तो सच्चाई दब जाती। हत्या एक व्यक्ति की हुई थी। चार लोग थाने में अपराध स्वीकार करते हुए आए थे।
बेंगलुरु। रेणुका स्वामी हत्या मामले में कन्नड़ एक्टर दर्शन थुगुडेप्पा जेल में बंद हैं। दर्शन की गिरफ्तारी के बाद से कर्नाटक के राजनीतिक और पुलिस हलकों के साथ-साथ आम जनता में भी सवाल उठ रहा था कि उन्हें किसने सलाखों के पीछे पहुंचाया। TOI की रिपोर्ट के अनुसार इसमें DCP एस गिरीश की बड़ी भूमिका है।
कर्नाटक के एक सीनियर पुलिस अधिकारी ने बताया कि अगर DCP गिरीश, ACP चंदन कुमार और पुलिस कमिश्नर बी दयानंद जैसे अधिकारी न होते तो मामले की सच्चाई दब जाती। हत्या के आरोप में एक प्रमुख और प्रभावशाली फिल्म स्टार को दोषी ठहराने के लिए हिम्मत की जरूरत होती है। गिरीश और चंदन कई युवा पुलिसकर्मियों के लिए 'असली नायक' बन गए हैं।
हत्या एक व्यक्ति की हुई थी। चार लोग थाने में अपराध स्वीकार करते हुए आए थे। थाने के अधिकारियों ने उनकी मनगढ़ंत कहानी पर विश्वास कर लिया और मामले को बंद करने का फैसला किया, लेकिन गिरीश को यकीन नहीं हुआ। सरेंडर करने वाले चारों लोगों के बयान एक जैसे नहीं थे। वहीं, पीड़ित कोई असामाजिक तत्व नहीं था।
कैसे खुला हत्या का रहस्य?
गिरीश ने चंदन के साथ मिलकर चारों से पूछताछ शुरू की। पता चला कि उनका रेणुका स्वामी से कोई संबंध नहीं है। उन्हें जेल जाने के लिए पैसे की पेशकश की गई थी। गिरीश ने पूछा: "पैसे किसने दिए?"। आरोपियों ने विनय वी की ओर इशारा किया। वह आरआर नगर में एक रेस्टोरेंट का मालिक है। पुलिस ने विनय को पकड़ा। पूछताछ के दौरान, गिरीश और चंदन को पता चला कि आरोपियों में से एक ने कामाक्षीपाल्या में एक सब इंस्पेक्टर को फोन करके आत्मसमर्पण कैसे किया जाता है यह पूछा था।
विनय दर्शन का करीबी सहयोगी है। उसने कथित तौर पर पुलिस को बताया कि कैसे रेणुका स्वामी को दर्शन के कहने पर उठाया गया और आरआर नगर के एक गोदाम में प्रताड़ित किया गया। रेणुकास्वामी ने सोशल मीडिया पर दर्शन की गर्लफ्रेंड पवित्रा गौड़ा पर कमेंट किए थे, जिससे वह नाराज थे। विनय ने उन सभी लोगों के नाम बताए जो रेणुका स्वामी को टॉर्चर करने में शामिल थे। पुलिस ने सीसीटीवी फुटेज भी बरामद की जिसमें एक जीप रैंगलर (जिसका इस्तेमाल दर्शन ने किया था) और एक स्कॉर्पियो उस जगह के पास घूम रही थी, जहां शव फेंका गया था।
पुलिस के लिए दर्शन को गिरफ्तार करना आसान नहीं था। DCP गिरीश ने दर्शन को पकड़ने के लिए एक गुप्त अभियान शुरू किया था। एसीपी चंदन कुमार के नेतृत्व में एक टीम मैसूर के एक होटल में गई जहां दर्शन मंगलवार की सुबह ठहरे हुए थे। चंदन होटल के जिम में स्टार के पास गए और उनसे टीम के साथ चलने को कहा, तो दर्शन ने कहा: "मुझे पता है..सब गड़बड़ हो गई है। आप आगे बढ़िए, मैं अपनी कार से आता हूं।"
दर्शन की 3 करोड़ रुपए की लैंड रोवर डिफेंडर होटल के गेट पर खड़ी थी। चंदन ने दर्शन से कहा: "क्या आप अभी हमारे साथ आएंगे या आपको...?" दर्शन को गंभीरता का एहसास हुआ और वे पुलिस की जीप में सवार हो गए। उन्हें बेंगलुरु लाया गया। इसके बाद गिरीश और कमिश्नर के फोन बजने लगे। दर्शन को छुड़ाने की सभी कोशिशें नाकाम हो गईं। टीवी चैनल पर दर्शन की गिरफ्तारी के बारे में खबर आ गई।