सार

इज़राइल और फ़िलिस्तीन दोनों के लिए यरूशलेम राजधानी है। अब लोग यरूशलेम नाम रखने पर भी आपत्ति जता रहे हैं। उन्होंने कहा कि किसी की भावनाओं को ठेस न पहुँचे इसलिए नाम बदला है।

मंगलुरु: मध्य पूर्व में इज़राइल- ईरान के बीच संघर्ष छिड़ा हुआ है, जो दिन-ब-दिन विकराल रूप धारण करता जा रहा है। हाल ही में ईद के मौके पर कुछ लोगों ने फ़िलिस्तीन के समर्थन में जुलूस निकालकर अपना विरोध जताया था। ऐसा ही एक वाकया मंगलुरु में भी देखने को मिला है। यहाँ 'इज़राइल ट्रैवल्स' नाम की एक बस का नाम सोशल मीडिया पर वायरल हो गया और मुस्लिमों के निशाने पर आ गया।

मूडबिद्री- किन्निगोली- कटील- मुल्की के बीच चलने वाली इस प्राइवेट बस का नाम हाल ही में 'इज़राइल ट्रैवल्स' रखा गया था। कटील के रहने वाले लेस्टर कटील इसके मालिक हैं। वे पिछले 12 साल से इज़राइल में अपने परिवार के साथ रह रहे हैं। हाल ही में उन्होंने मंगलुरु में एक पुरानी बस खरीदी और उसे मुल्की मूडबिद्री रूट पर चलाना शुरू कर दिया। अपने इज़राइल प्रेम को दर्शाने के लिए उन्होंने बस का नाम ही 'इज़राइल ट्रैवल्स' रख दिया। कटील में रहने वाले लेस्टर का परिवार बस की देखभाल करता है। 'इज़राइल' नाम की बस देखकर फ़िलिस्तीनी समर्थक भड़क गए और उन्होंने नाराजगी जताई।

 

उनका सवाल है कि फ़िलिस्तीन के खिलाफ युद्ध छेड़ने वाला इज़राइल एक आतंकवादी राष्ट्र है, तो मंगलुरु में एक बस का नाम उसके नाम पर क्यों रखा गया? सोशल मीडिया पर बस की फोटो शेयर कर उसे ट्रोल करने के साथ ही इस मामले में पुलिस से एफआईआर दर्ज करने की मांग की गई है। ट्रैफिक पुलिस भी असमंजस में पड़ गई और उसने अप्रत्यक्ष रूप से बस का नाम बदलने का निर्देश दिया। इन सबसे तंग आकर बस मालिक ने मजबूरन बस का नाम ही बदल दिया है।

 

अब बस का नाम 'इज़राइल ट्रैवल्स' की जगह 'जेरूसलम ट्रैवल्स' कर दिया गया है। इस बारे में इज़राइल में रहने वाले लेस्टर कटील ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि उन्हें समझ नहीं आता कि 'इज़राइल ट्रैवल्स' नाम रखने में क्या दिक्कत थी। मैं 12 साल से इज़राइल में रह रहा हूँ और वहाँ की व्यवस्था को देखकर प्रभावित हुआ हूँ। इसके अलावा, हमारी पवित्र भूमि यरूशलेम इज़राइल में ही है। इसलिए मैंने अपनी बस का नाम इज़राइल रखा था। इज़राइल और फ़िलिस्तीन दोनों के लिए यरूशलेम राजधानी है। अब लोग यरूशलेम नाम रखने पर भी आपत्ति जता रहे हैं। उन्होंने कहा कि किसी की भावनाओं को ठेस न पहुँचे इसलिए नाम बदला है।