सार

कांग्रेस ने रविवार को मेकेदातु से बेंगलुरु तक अपनी 10 दिवसीय पदयात्रा शुरू की है। कांग्रेस राज्य में मेकेदातु परियोजना (Mekedatu Project) को लागू करने की मांग कर रहे हैं।

बेंगलुरू। कोविड-19 (Covid-19) प्रतिबंधों और चेतावनियों के बावजूद कर्नाटक (Karnataka) में मेकेदातु से बेंगलुरू तक शुरू की गई कांग्रेस (Congress) की दस दिवसीय पदयात्रा के खिलाफ राज्य सरकार सख्त हो गई है। राज्य (Karnataka) के मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई (Chief Minister Basavaraj Bommai) ने पदयात्रा को कोविड का उल्लंघन मानते हुए कार्रवाई की बात कही है। उधर, राष्ट्रीय बाल अधिकार आयोग (NCPCR) ने कर्नाटक के डीजीपी को पत्र लिखकर बिना मास्क के बच्चों से मिलने और उनको राजनीतिक गतिविधियों में शामिल होने के लिए प्रेरित करने पर कार्रवाई करने का निर्देश दिया है।

क्या लिखा है बाल अधिकार संरक्षण आयोग ने?

राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग के अध्यक्ष प्रियंक कानूनगो ने कर्नाटक के डीजीपी प्रवीण सूद को पत्र लिखकर कांग्रेस के कोविड नियमों के उल्लंघन और बच्चों को इसमें शामिल करने को लेकर सख्त कदम उठाने का निर्देश दिया है। आयोग ने पत्र में कहा है कि कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष डीके शिवकुमार ने अपनी पदयात्रा के दौरान बच्चों से मुलाकात की है। वीडियो में साफ तौर पर दिख रहा है कि बच्चों से मिलते वक्त वह मास्क नहीं पहने हैं, साथ ही बच्चों को राजनीतिक कार्यक्रम में शामिल होने के लिए प्रेरित कर रहे हैं। यह सारी गतिविधियां बच्चों के अधिकारों का उल्लंघन है। आयोग ने डीजीपी को आदेश दिया है कि सात दिनों के भीतर इस मामले में कार्रवाई करते हुए आवश्यक जानकारी उपलब्ध करावें। 

क्या है मेकेदातु पदयात्रा?

कांग्रेस ने रविवार को मेकेदातु से बेंगलुरु तक अपनी 10 दिवसीय पदयात्रा शुरू की है। कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष डीके शिवकुमार और राज्य विधानसभा में विपक्ष के नेता सिद्धरमैया के नेतृत्व में ‘नम्मा नीरू नम्मा हक्कू’ (हमारा पानी, हमारा अधिकार) थीम के साथ पदयात्रा रामनगर जिले में कनकपुरा में कावेरी और अर्कावती नदियों के संगम संगम पर शुरू हुई थी। इस पदयात्रा में बड़ी संख्या में कांग्रेस के दिग्गज नेता और कार्यकर्ता शामिल हैं। कांग्रेस राज्य में मेकेदातु परियोजना (Mekedatu Project) को लागू करने की मांग कर रहे हैं।

कर्नाटक सरकार ने चेतावनी दी

इस पदयात्रा पर कर्नाटक सरकार ने चेतावनी जारी करते हुए कार्रवाई का निर्देश दिया है। मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई ने कहा कि कानून के अनुसार कार्रवाई की जाएगी। परियोजना से संबंधित मामले लंबित हैं, ऐसे में एक जिम्मेदार राजनीतिक दल के रूप में जो पहले सत्ता में रहे हैं और व्यवस्था, कानून, अंतरराज्यीय जल विवाद क्या है, अदालत तथा न्यायाधिकरण के आदेशों से पूरी तरह अवगत हैं, उन्हें पदयात्रा पर आगे नहीं बढ़ना चाहिए, लेकिन राजनीति उनके लिए महत्वपूर्ण लगती है। उन्होंने कहा कि जनता उनके बारे में तय करेगी। कोविड-19 ​​​​मानदंडों के उल्लंघन के संबंध में उन्हें एक नोटिस जारी किया गया है और अधिकारियों ने व्यक्तिगत रूप से उन्हें ऐसा नहीं करने की सलाह दी थी, लेकिन उन्होंने इसकी अनदेखी की है।

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