सार
Karnataka news: कर्नाटक सरकार के मंत्री जमीर अहमद ने शुक्रवार को सफाई दी कि क्यों उन्होंने फिलिस्तीनी झंडा लहराया था। मंत्री ने कहा कि केंद्र सरकार द्वारा फिलिस्तीनियों का समर्थन किए जाने के बाद राज्य में फिलिस्तीनी झंडा फहराना कुछ भी गलत नहीं है। वह केंद्र सरकार के समर्थन के बाद फिलिस्तीनी झंडा फहराए थे।
जमीर अहमद हैं कर्नाटक के आवास, वक्फ़ और अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री
जमीर अहमद कर्नाटक सरकार के आवास, वक्फ और अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री हैं। उन्होंने फिलिस्तीनी झंडा लहराए जाने पर अपनी सफाई लेते हुए कहा कि केंद्र सरकार द्वारा फिलिस्तीनियों का समर्थन किए जाने के बाद, राज्य में फिलिस्तीनी झंडा फहराने में कुछ भी गलत नहीं है।
केंद्र फिलिस्तीन का समर्थन नहीं करती तो वह झंडा नहीं लहराते
गुरुवार को कलबुर्गी शहर में अपने प्रवास के दौरान मंत्री जमीर अहमद ने कहा कि केंद्र सरकार ने फिलिस्तीन के लिए अपना समर्थन व्यक्त किया है इसलिए फिलिस्तीनी झंडा फहराने और उसके साथ घूमने में कुछ भी गलत नहीं है। वह फिलिस्तीनी झंडा केवल इसलिए पकड़े थे क्योंकि केंद्र सरकार ने फिलिस्तीनी मुद्दे का समर्थन किया था। अगर केंद्र सरकार ने इस संबंध में घोषणा नहीं की होती तो वे ऐसा नहीं करते। अगर दूसरे देशों के समर्थन में नारे लगाए जाते हैं तो यह गलत है। जो लोग इस तरह के कृत्य में लिप्त हैं, वे राष्ट्र-विरोधी हैं। उन्हें फांसी पर लटका देना चाहिए। हालांकि, फिलिस्तीनी झंडे फहराना और पकड़ना गलत नहीं है।
बीजेपी हिंदू-मुस्लिमों को लड़ाकर वोट मांगती
जमीर अहमद ने बीजेपी पर आरोप लगाया कि वह हिंदुओं और मुसलमानों को लड़ाकर वोट मांगी है। कांग्रेस अपने काम के आधार पर वोट मांगती है।
काबीना मंत्री ने नागमंगला कस्बे में गणेश विसर्जन जुलूस के दौरान हुई हिंसा को और हवा देने के लिए बीजेपी पर साजिश करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि इन मामलों में कार्रवाई की जानी चाहिए, चाहे कोई भी इन कृत्यों में शामिल हो। राजनेताओं को लोगों को भड़काने में हिस्सा नहीं लेना चाहिए। उन्हें जाति और धर्म पर विचार नहीं करना चाहिए और सभी के साथ समान व्यवहार करना चाहिए।
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