सार
Jan ki Baat ने 15 मार्च से लेकर 11 अप्रैल तक रेंडम सैंपल मेथड से कर्नाटक के 20 हजार लोगों पर सर्वे किया। जब ये सर्वे किया जा रहा था तब बहुत सी पार्टियों ने अपने प्रत्याशियों के नाम घोषित नहीं किए गए थे, नामों की घोषणा के बाद दूसरा सर्वे किया जाएगा।
एशियानेट सुवर्णा न्यूज ने ‘जन की बात’ के साथ कर्नाटक के आगामी विधानसभा चुनावों को लेकर प्री-इलेक्शन पोल जारी किया है, Jan ki Baat सर्वे के जरिए कर्नाटक की जनता की नब्ज टटोलने की कोशिश की गई है। 20 हजार लोगों पर रेंडम सैंपल मेथड से किए गए इस सर्वे के मुताबिक इस चुनाव में किसी भी पार्टी को एकतरफा बहुतमत मिलता नजर नहीं आ रहा है। हालांकि, बीजेपी इन चुनावों में 98 से 109 सीटों के साथ सबसे बड़ी पार्टी के रूप में उभर सकती है। जन की बात में क्या कहती है कर्नाटक की जनता...
ओपिनियन पोल में किसे कितनी सीटें?
जन की बात सर्वे में बीजेपी के बाद दूसरे नंबर पर कांग्रेस के रहने की संभावना है। दोनों पार्टियों की बीच कड़ी टक्कर देखने को मिल सकती है और कांग्रेस इन चुनावों में 89 से 97 सीटें हासिल कर सकती है। वहीं 25 से 29 सीटों के साथ जेडीएस तीसरे नंबर पर रह सकती है। बात करें अन्य पार्टियों की तो अन्य को शून्य से 1 सीट में संतोष करना पड़ सकता है। बता दें कि कर्नाटक में सरकार बनाने के लिए बहुमत का आंकड़ा 113 सीटें हैं।
एंटी इनकंबेन्सी ज्यादा प्रभावी नहीं
Jan ki Baat सर्वे में ये भी निकलकर आया कि बीजेपी-कांग्रेस के बीच यहां कांटे की टक्कर देखने को मिलेगी, वहीं ओल्ड मैसूर में त्रिकोणीय मुकाबला भी देखने को मिलेगा। निश्चित तौर पर यहां एंट इनकंबेन्सी (Anti Incumbency) यानी सत्ता विरोधी लहर भी कुछ हदतक देखने मिली है, जिससे पिछले चुनाव के मुकाबले बीजेपी को कुछ सीटों का नुकसान और कांग्रेस को कुछ सीटों की बढ़त देखने को मिल सकती है। बात करें 2018 के चुनाव की तो बीजेपी को यहां 104 सीटें, कांग्रेस को 81, अन्य को 37 और अन्य को 2 सीटें मिली थी। हालांकि, एंटी इनकंबेन्सी फैक्टर के बावजूद कांग्रेस यहां बहुमत हासिल नहीं कर पाएगी। सर्वे के मुताबिक यहां एंटी इनकंबेन्सी फैक्टर इतना प्रभावी नहीं है कि पिछली सरकार को बाहर का रास्ता दिखा सके।
कर्नाटक के 6 जोन में किसका पलड़ा भारी?
जन की बात सर्वे में कर्नाटक के सभी 6 रीजन शामिल किए गए। इसमें ओल्ड मैसूर, बेंगलोर, सेंट्रल कर्नाटक, हैदराबाद कर्नाटक, मुंबई कर्नाटक और कोस्टल कर्नाटक को शामिल किया गया। इन सभी रीजन को मिलाकर बीजेपी को कुल 98 से 109, कांग्रेस को 89 से 97 और जेडीएस को 25 से 29 सीटें मिलने की संभावना बताई जा रही है। ओल्ड मैसूर से बीजेपी को 12, कांग्रेस को 23, जेडीएस को 22 सीटें मिलना का अनुमान है। बेंगलोर रीजन से बीजेपी को 15, कांग्रेस को 14 और जेडीएस को 3 सीट मिलने का अनुमान है। इसी प्रकार सेंट्रल कर्नाटक से बीजेपी को 13, कांग्रेस को 12 और जेडीएस को 1 सीट, हैदराबाद कर्नाटक से बीजेपी को 16, कांग्रेस को 23 और जेडीएस को 1, मुंबई कर्नाटक से बीजेपी को 31, कांग्रेस को 19 और जेडीएस को शून्य और कोस्टल कर्नाटक से बीजेपी को 16, कांग्रेस को 3 सीटें मिलने की संभावना जताई गई है।
कर्नाटक में किस पार्टी को कितने वोट?
Jan Ki Baat सर्वे के मुताबिक कर्नाटक की 224 विधानसभा सीटों पर बीजेपी को 37 से 39 प्रतिशत वोट, कांग्रेस को 40 से 38 प्रतिशत, जेडीएस को 18 से 16 प्रतिशत और अन्य को 5 से 7 प्रतिशत वोट मिलने की संभावना जताई गई है। 2018 के चुनावों में भी जन की बात का सर्वे काफी हदतक सही साबित हुआ था।
कब हुआ ये ओपिनियन पोल?
Jan ki Baat ने 15 मार्च से लेकर 11 अप्रैल तक रेंडम सैंपल मेथड से कर्नाटक के 20 हजार लोगों पर सर्वे किया। जब ये सर्वे किया जा रहा था तब बहुत सी पार्टियों ने अपने प्रत्याशियों के नाम घोषित नहीं किए थे। ऐसे में प्रत्याशियों के नाम घाोषित होने के बाद Jan ki Baat सर्वे का दूसरा राउंड शुरू किया जाएगा। बता दें कि ‘जन की बात’ द्वारा पूर्व में 36 सर्वे किए जा चुके हैं, ये ओपिनियन पोल चुनावी नतीजों के बेहद करीब रहे हैं। 2018 में भी जन की बात ने कर्नाटक चुुनाव परिणामों की सटीक भविष्यवाणी की थी।
क्या है Jan ki Baat?
‘Jan ki Baat’ एक प्रडिक्शन मॉडल है जिसमें सर्वे के माध्यम से चुनावों का परिणाम जानने की कोशिश की जाती है। रेंडम सैंपलिंग के जरिए डेटा एनालिस्ट और फील्ड एक्सपर्ट्स किसी राज्य अथवा क्षेत्री की जमीनी स्तर की जानकारियां और लोगों के विचारों को बतौर सैंपल प्राप्त कर एक निर्णय पर पहुंचते हैं। आगामी कर्नाटक चुनाव में प्रत्याशियों की घोषणा से पहले Jan ki Baat ने 20 हजार लोगों पर ओपिनियन पोल कर जनता की नब्ज टटोलने की कोशिश की है। जल्दी ही प्रत्याशियों की घोषणा के बाद अंतिम सर्वे भी किया जाएगा, जिसके नतीजे एशियानेट न्यूज पर देखे जा सकेंगे।