सार

शिवमोग्गा जिले के वलूर गांव में करीब 16 साल पहले वलूर सरकारी स्कूल में संतोष कंचन की पोस्टिंग हुई।

Farewell gift Pulsar bike to teacher: कर्नाटक के शिवमोग्गा जिला के एक सरकारी स्कूल के शिक्षक को गांववालों ने फेयरवेल में पल्सर बाइक गिफ्ट की है। गांव में 16 साल तक शिक्षण कार्य करने वाले शिक्षक ने न केवल शैक्षिक माहौल बनाया बल्कि गांव के एक-एक व्यक्ति के सुख-दु:ख में शामिल रहे।

दरअसल, शिवमोग्गा जिले के वलूर गांव में करीब 16 साल पहले वलूर सरकारी स्कूल में संतोष कंचन की पोस्टिंग हुई। संतोष की बतौर शिक्षक जब पोस्टिंग हुई तो गांव में न सड़कें थीं न ही स्कूल या गांव के बाहर के कनेक्टिविटी व ट्रांसपोर्ट का कोई विकल्प। स्कूल में भी महज 13 छात्र अपना एडमिशन कराए थे।

केवल शिक्षित ही नहीं किया गांववालों के लिए भी किया काम

अपनी पोस्टिंग के बाद शिक्षक संतोष कंचन न केवल बच्चों की शिक्षा को बेहतर करने की कोशिश की बल्कि गांव के लोगों की समस्याओं के निदान के लिए भी भरसक मदद का प्रयास किया। गांव में रोड और यातायात के कोई साधन नहीं होने से संतोष पहले परेशान हुए। फिर उन्होंने एक मोटरसाइकिल खरीदी। यह बाइक उन्होंने अपने लिए खरीदी थी लेकिन इसका इस्तेमाल गांव में सार्वजनिक होने लगा। गांव के किसी भी व्यक्ति को कोई भी जरूरत है तो इस बाइक का इस्तेमाल करने लगा। गांव के बाहर किसी मरीज या बुजुर्ग को रात में या किसी भी समय ले जाने के लिए बाइक उपलब्ध रहती। छात्रों को उन्होंने बाइक चलाना सिखाया ताकि लोगों की समय पर मदद मिल सके। गांव में जहां एक साइकिल भी नहीं थी, संतोष कंचन ने बाइक यहां गांव के लिए लाई। यह बाइक गांव की लाइफलाइन बन गई। तमाम बार वह अपने स्टूडेंट्स को भी बाइक से घर छोड़ते। गांव के किसी जरुरतमंद को वह आवश्यकता पड़ने पर बाइक से पहुंचाते।

16 सालों तक गांववालों के सुख-दु:ख में रहे शामिल

संतोष कंचन, गांव में अपने अध्यापन के 16 साल के दौरान गांव के हर एक व्यक्ति के सुख-दु:ख में शामिल हुए। लेकिन इस साल उनका ट्रांसफर किसी दूसरी जगह हो गया है। ट्रांसफर होने के बाद संतोष कंचन जब जाने लगे तो गांव में उनके लिए फेयरवेल रखा गया। गांव की लाइफलाइन तो गांव के लोगों के इस्तेमाल से बेहद खराब हालत में है। ऐसे में गांव के लोगों ने अपने प्रिय शिक्षक को बाइक गिफ्ट करने का निर्णय लिया। इसके बाद गांव में चंदा एकत्र कर लोगों ने एक पल्सर बाइक खरीदकर संतोष कंचन को गिफ्ट किया। इस गिफ्ट के चर्चे पूरे राज्य में हो रहा।

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