कर्नाटक कांग्रेस में मुख्यमंत्री सिद्धारमैया और डिप्टी डीके शिवकुमार के बीच मुख्यमंत्री पद को लेकर विवाद बढ़ता जा रहा है। शिवकुमार ने रोटेशनल मुख्यमंत्री वादे की याद दिलाई, जबकि सिद्धारमैया ने इसे खारिज किया। अब मामला कांग्रेस हाईकमान के पाले में है।
Siddaramaiah vs Shivkumar: कर्नाटक में टॉप पोस्ट के लिए पावर की लड़ाई गुरुवार को उस वक्त और बिगड़ गई, जब मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने अपने डिप्टी डीके शिवकुमार पर खुलकर निशाना साधा। दरअसल, शिवकुमार ने एक रहस्यमयी पोस्ट की जिसमें लिखा, वर्ड पावर इज वर्ल्ड पावर। यानी हमारे लिए अपना वादा निभाना दुनिया की सबसे बड़ी ताकत है। चाहे वह जज हो, प्रेसिडेंट हो या कोई और, जिसमें मैं भी शामिल हूं, सभी को अपनी बात पर कायम रहना होगा। इसके कुछ घंटों बाद ही सिद्धारमैया ने एक पोस्ट शेयर करते हुए उन पर पलटवार किया। माना जा रहा है कि राज्य में मुख्यमंत्री पद को लेकर चल रही खींचतान और बढ़ सकती है।
सिद्धारमैया ने क्या लिखा?
सिद्धारमैया ने अपनी X पोस्ट में लिखा, "एक शब्द तब तक पावरफुल नहीं है, जब तक कि वह लोगों के लिए दुनिया को बेहतर न बनाए।" उन्होंने आगे लिखा, “कर्नाटक के लोगों का दिया हुआ जनादेश सिर्फ एक मोमेंट नहीं बल्कि एक जिम्मेदारी है, जो पूरे पांच साल के लिए है। कांग्रेस पार्टी, जिसमें मैं भी शामिल हूं, अपने लोगों के लिए पूरे कम्पैशन, कंसिस्टेंसी और करेज के साथ अपनी बात पर चल रही है। कर्नाटक के लिए हमारा वचन कोई नारा नहीं है, यह हमारे लिए पूरी दुनिया है।”
क्यों हुआ विवाद?
"शब्द" पर इतना विवाद इसलिए भी है, क्योंकि पूरा मामाला रोटेशनल मुख्यमंत्री पद के वादे से शुरू हुआ है, जिसके बारे में टीम शिवकुमार ने दावा किया था कि यह वादा 2023 में राज्य सरकार बनने के दौरान किया गया था। पार्टी के टॉप नेताओं ने डीके शिवकुमार, जो उस समय मुख्यमंत्री पद के प्रमुख दावेदार थे, उन्हें रोटेशन के वादे के साथ सिद्धारमैया का डिप्टी बनने के लिए मना लिया था। वहीं, सिद्धारमैया ने दावा किया कि ऐसा कोई वादा नहीं किया गया था। वहीं, केंद्र के कांग्रेस नेताओं ने इस मामले पर चुप्पी साध रखी है।
सिद्धारमैया के ढाई साल पूरे होते ही डीके ने खोला मोर्चा
कर्नाटक में मुख्यमंत्री के तौर पर सिद्धारमैया के ढाई साल पूरे हो चुके हैं, ऐसे में ये विवाद खुलकर सामने आ गया है। अब तक, दोनों नेताओं के समर्थक ही ज़ुबानी जंग में शामिल थे। लेकिन सिद्धारमैया के मुख्यमंत्री के तौर पर ढाई साल पूरे करने के साथ ही DKS ने साफतौर पर तेवर बदल दिए हैं।
अब गेंद कांग्रेस हाईकमान के पाले में
कर्नाटक में सिद्धारमैया और डीके शिवकुमार की तनातनी के बीच अब गेंद कांग्रेस हाईकमान के पाले में है। माना जा रहा है कि कांग्रेस चीफ मल्लिकार्जुन खड़गे इस मामले पर चर्चा करने के लिए गांधी परिवार के साथ बैठ सकते हैं। इसके लिए सिद्धारमैया और शिवकुमार दोनों को दिल्ली बुलाया जा सकता है।


