सार

पाकिस्तान के करतारपुर स्थित गुरुद्वारे को लेकर एक बड़ी खबर है। करतारपुर साहिब कॉरिडोर(Kartarpur Sahib Corridor) 17 नवंबर से खोला जा रहा है। केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने tweet करके इसकी जानकारी दी। कॉरिडोर Corona महामारी के चलते पिछले साल मार्च से बंद था।
 

नई दिल्ली. गुरुनानक जयंती के कुछ दिन पहले सिख समुदाय को एक बड़ी खुशखबरी(Good News) मिली है। करतारपुर साहिब कॉरिडोर(Kartarpur Sahib Corridor) 17 नवंबर से खोला जा रहा है। केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने tweet करके इसकी जानकारी दी। कॉरिडोर Corona महामारी के चलते पिछले साल मार्च से बंद था। इस संबंध में 14 नवंबर को भारतीय जनता पार्टी (BJP) पंजाब का एक प्रतिनिधिमंडल पीएम मोदी (PM Modi) से मिला था। बीजेपी प्रतिनिधिमंडल के मिलने से एक दिन पहले एसजीपीसी अध्यक्ष बीबी जागिर कौर (Bibi Jagir Kaur), शिरोमणि अकाली दल नेता पूर्व मंत्री हरसिमरत कौर बादल (Harsimrat Kaur Badal) ने पीएम को पत्र लिखकर इसकी मांग की थी। उधर, कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू (Navjot Singh Sidhu) भी लगातार इसे खुलवाने की मांग कर रहे थे। 

अमित शाह ने tweet करके लिखा
देश 19 नवंबर को श्री गुरु नानक देवजी का प्रकाश उत्सव मनाने के लिए पूरी तरह तैयार है और मुझे विश्वास है कि करतारपुर साहिब कॉरिडोर को फिर से खोलने के सरकार के फैसले से पूरे देश में उत्साह और खुशी को बढ़ावा मिलेगा। इस फैसले से बड़ी संख्या में सिख तीर्थयात्रियों को फायदा होगा। मोदी सरकार ने कल 17 नवंबर से करतारपुर साहिब कॉरिडोर को फिर से खोलने का फैसला किया है। यह निर्णय श्री गुरु नानक देव जी और हमारे सिख समुदाय के प्रति मोदी सरकार की अपार श्रद्धा को दर्शाता है।

19 को गुरु नानक जयंती भी
19 नवंबर को सिख गुरु गुरुनानक जी की जयंती है। इसी तारीख को साल 2019 में करतारपुर साहिब गलियारे का उद्घाटन भी हुआ था। यानी इस बार उसकी दूसरी वर्षगांठ भी है। इस गलियारे का उद्घाटन पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने गुरु नानक देव की 550 वीं जयंती की पूर्व संध्या पर किया था।

3 हजार सिखों को तीर्थ के लिए दी जा सकेगी अनुमति
पाकिस्तान-भारत द्विपक्षीय समझौते के अनुसार, 3,000 भारतीय सिख तीर्थयात्रियों को गुरुपर्व समारोह के लिए पाकिस्तान में प्रवेश की अनुमति दी जा सकती है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने बताया था कि भारत सरकार 17 से 26 नवंबर के बीच अटारी-वाघा इंटीग्रेटेड चेक पोस्ट के माध्यम से 1,500 तीर्थयात्रियों को पाकिस्तान में धार्मिक स्थलों पर दर्शन करने की अनुमति दे रही है। इस बार यात्रा करने वालों को ननकाना साहिब और लाहौर, हसन अब्दाल, करतारपुर और फारूकाबाद के गुरुद्वारों में जाने की अनुमति होगी।

क्यों सिख अनुयायी करते हैं इस तीर्थ की यात्रा?
गांव करतारपुर रावी नदी के पश्चिमी तट पर स्थित है। यहां श्री गुरु नानक देव ने अपने जीवन के अंतिम 18 वर्ष बिताए थे। गुरुद्वारा श्री करतारपुर साहिब पाकिस्तान के नरोवाल जिले में लगभग 4.5 किमी दूर पड़ता है। 
 

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