सार
वाराणसी में स्थानीय प्रशासन ने इतनी अभूतपूर्व संख्या में भक्तों की उम्मीद नहीं की थी। वे दिन के लिए एक लाख से अधिक आगंतुकों की उम्मीद नहीं कर रहे थे।
वाराणसी। नव वर्ष पर दुनिया के प्राचीनतम शहर काशी (Ancient city Kashi) ने एक नया रिकार्ड बनाया है। नए साल पर काशी विश्वनाथ धाम (Kashi Vishwanath Dham) में श्रद्धालुओं की रिकार्ड संख्या पहुंची। यूपी के शहर बनारस (Banaras) में पहली जनवरी को पांच लाख से अधिक श्रद्धालु आध्यात्म की डुबकी लगाने पहुंचे। लोगों की इतनी बड़ी संख्या से हर कोई हैरान है, किसी भी अधिकारी को यह अंदाजा भी नहीं था कि इतनी संख्या में लोग पहुंचने वाले हैं।
महाशिवरात्रि के अवसर पर भी बाबा की नगरी में नहीं आई ऐसी भीड़
वाराणसी में स्थानीय प्रशासन ने इतनी अभूतपूर्व संख्या में भक्तों की उम्मीद नहीं की थी। सबसे अच्छा, वे दिन के लिए एक लाख से अधिक आगंतुकों की उम्मीद नहीं कर रहे थे। महाशिवरात्रि (Maha Shivratri) पर भी काशी विश्वनाथ में जोकि पीक टाइम माना जाता है, पर भक्तों की संख्या कभी भी 2.5 लाख से अधिक नहीं हुई थी। गैर-त्योहार के दिन मंदिर में इतनी बड़ी संख्या में आना काशी विश्वनाथ धाम के दर्शन के लिए देश भर में अपार उत्साह को दर्शाता है।
काशी विश्वनाथ धाम के फर्स्ट फेज का पीएम ने किया था उद्घाटन
वाराणसी को पौराणिक पहचान देने के लिए काशी विश्वनाथ धाम को पुनरोद्धार कराया जा रहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नव-निर्मित काशी विश्वनाथ धाम के पहले चरण का उद्घाटन 13 दिसंबर को किया था। लगभग 339 करोड़ की लागत से काशी विश्वनाथ धाम का फेज वन पूरा हुआ है। परियोजना की आधारशिला 8 मार्च, 2019 को प्रधान मंत्री द्वारा रखी गई थी। बाबा विश्वनाथ के तीर्थयात्रियों और भक्तों की सुविधा को और सुगम बनाया गया है। अब बाबा के भक्त पवित्र नदी में डुबकी लगाने, गंगाजल इकट्ठा करने और मंदिर में चढ़ाने की सदियों पुरानी प्रथा को पुन: जी सकेंगे।
पहले चरण में 23 लाख भवनों का उद्घाटन
परियोजना के पहले चरण में कुल 23 भवनों का उद्घाटन किया गया। वे श्री काशी विश्वनाथ मंदिर जाने वाले तीर्थयात्रियों को कई तरह की सुविधाएं प्रदान कर रहे हैं, जिनमें यात्री सुविधा केंद्र, पर्यटक सुविधा केंद्र, वैदिक केंद्र, मुमुक्षु भवन, भोगशाला, सिटी म्यूजियम, व्यूइंग गैलरी, फूड कोर्ट आदि शामिल हैं। यह परियोजना अब लगभग 5 लाख वर्ग फुट के विशाल क्षेत्र में फैली हुई है, जबकि पहले परिसर लगभग 3000 वर्ग फुट तक ही सीमित था।
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