सार
मैंने कभी नहीं सोचा था कि मैं अपने परिवार को देख पाऊंगा, लेकिन यह सब सर एमए यूसुफ अली की दया की वजह से हो पाया...यह बात केरल के बी कृष्णन ने अपने परिवार से मिलने के बाद कही।
कोच्चि. मैंने कभी नहीं सोचा था कि मैं अपने परिवार को देख पाऊंगा, लेकिन यह सब सर एमए यूसुफ अली की दया की वजह से हो पाया...यह बात केरल के बी कृष्णन ने अपने परिवार से मिलने के बाद कही। दरअसल, कृष्णन को फांसी की सजा से बचाने के लिए प्रवासी कारोबारी और संयुक्त अरब आमीरात से संचालित LULU ग्रुप के चेयरमैन एमए युसुफ अली ने एक करोड़ मुआवजा दे दिया।
क्या है मामला?
केरल के बी कृष्णन यूएई में एक निजी कंपनी में काम करते थे और 7 दिसंबर 2012 को एक बिजनेस असाइनमेंट के सिलसिले में मुस्तफा की ओर गाड़ी चलाते हुए जा रहे थे। लेकिन उनकी कार फुटपाथ पर खेलते हुए बच्चों से टकरा गई और एक बच्चे की मौत हो गई। बच्चा सूडान का रहने वाला था।
घटना के बाद सीसीटीवी फुटेज और गवाहों के आधार पर यह साफ हो गया था कि कृष्णन लापरवाही से गाड़ी चला रहे थे और इसकी वजह से उनकी कार बच्चों के समूह से टकरा गई। यूएई के सुप्रीम कोर्ट ने कृष्णन को दोषी मानते हुए फाांसी की सजा सुनाई।
सूडान लौटा बच्चे का परिवार
कृष्णन और उनका परिवार सजा से बचने की कोशिश में जुटा था। लेकिन यह मामला और फंस गया, जब बच्चे का परिवार सूडान लौट गया। इसके बाद कृष्णन के परिवार ने यूसुफ अली से मदद मांगी। यूसुफ अली ने बिना देर किए मदद का हाथ बढ़ाया। लेकिन कृष्णन को इस सजा से बचाने के लिए एक ही रास्ता था कि सूडानी बच्चे का परिवार उन्हें माफ कर दे। उन्हें मुआवजा दिया जाए और इसकी जानकारी UAE कोर्ट और प्रशासन को दी जाए।
यूसुफ अली ने सबसे पहले सूडान में बच्चे के परिवार से संपर्क किया और उनके बड़े प्रयासों के बाद अबूधाबी लाया गया। कई दौर की बातचीत के बाद बच्चे का परिवार मुआवजे के लिए तैयार हुआ। उन्होंने कृष्णन के परिवार को माफ कर दिया और कोर्ट को इसकी जानकारी दी गई। इसके बाद कोर्ट ने बच्चे के परिवार को करीब 1 करोड़ रुपए का मुआवजा देने का आदेश दिया। यूसुफ अली ने यह राशि जमा की और अब कृष्णन जेल से बाहर आ गए। वे अभी अपने गृह राज्य केरल भी पहुंच गए हैं।