सार

नई दिल्ली। मध्यप्रदेश के सियासी संकट के बीच कमलनाथ ने अपना इस्तीफा सौंप दिया है। वहीं अब बीजेपी में नई सरकार के गठन की सुगबुगाहट तेज हो गई है। मध्यप्रदेश का सीएम कौन होगा अभी कुछ भी नहीं कहा 

नई दिल्ली। मध्यप्रदेश के सियासी संकट के बीच कमलनाथ ने अपना इस्तीफा सौंप दिया है। वहीं अब बीजेपी में नई सरकार के गठन की सुगबुगाहट तेज हो गई है। मध्यप्रदेश का सीएम कौन होगा अभी कुछ भी नहीं कहा जा सकता है लेकिन जो नाम सबसे ज्यादा भुनाया जा है वो पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान का। हालांकि पार्टी नेता इस तरह की किसी भी बयानबाजी से बच रहे हैं। वहीं एमपी में बीजेपी की तरफ से कई ऐसे दमदार चेहरे हैं जो सीएम पद की रेस में हैं। 
शिवराज सिंह चौहान, पूर्व मुख्यमंत्री

मध्य प्रदेश  की राजनीति के सबसे दिग्गज नेता और पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान का नाम सबसे आगे चल रहा है। पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को तो सीएम पद का दावेदार माना ही जा रहा है। 13 साल तक प्रदेश की बागडोर संभालने वाले पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को चौथी बार भी मुख्यमंत्री बनने का मौका मिल सकता है। प्रदेश में इनको 'मामा' कहकर पुकारा जाता है। 


नरेंद्र सिंह तोमर, केंद्रीय मंत्री
सीएम की रेस में एक और बड़ा नाम है केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर का। माना जा रहा है कि कमलनाथ की सरकार को हिलाने में तोमर का सबसे बड़ा हाथ रहा है। जमीन से जुड़े नेता नरेंद्र सिंह तोमर का मध्यप्रदेश के ग्वालियर-चंबल संभाग में काफी प्रभाव है और कांग्रेस के ज्यादातर बागी विधायक भी इन्हीं संभाग से आते हैं, जिनके बगावत पर उतरने के कारण कमलनाथ सरकार संकट में आ गई है।


गोपाल भार्गव, नेता प्रतिपक्ष
बीजेपी के बड़े नेताओं में शुमार गोपाल भार्गव को शिवराज सिंह चौहान का काफी करीबी माना जाता है। पहले नरोत्तम मिश्रा को नेता प्रतिपक्ष की जिम्मेदारी सौंपी जा रही थी लेकिन बाद में गोपाल भार्गव का चुनाव किया गया। 


नरोत्तम मिश्रा, 
ई टेंडरिंग घोटाले की जांच में फंसे नरोत्तम मिश्रा का नाम भी आगे माना जा रहा है। बताया जाता है कि मध्य प्रदेश भाजपा का मैनेजमेंट संभालते हैं। नरोत्तम मिश्रा पहले भी भाजपा के प्रदेशाध्यक्ष और मप्र विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष की दौड़ में शामिल रहे हैं। कुछ समय पहले तक नरोत्तम मिश्रा और शिवराज सिंह चौहान के बीच गहरे मतभेद रहे हैं, लेकिन सरकार के लिए जोड़-तोड़ के दौरान दोनों नेताओं के बीत समझौता हो गया है।