सार
नेशनल न्यूज। कोलकाता केस में न सीबीआई कुछ नतीजे पर पहुंच पा रही है और न ममता सरकार डॉक्टर्स की हड़ताल खत्म करने के लिए कोई हल निकाल पा रही है। प्रदेश में चिकित्सक और स्वास्थ्यकर्मी काम पर नहीं जा रहे हैं जिससे मरीजों को दिक्कत हो रही है। डॉक्टर को हड़ताल खत्म करने के लिए सीएम ममता बनर्जी ने बैठक के लिए बुलाया था लेकिन वह उसमें गए ही नहीं। ममता सरकार अजीबोगरीब स्थिति में फंस चुकी हैं जिसका कोई हल नहीं निकल पा रहा है। आखिर क्यों खत्म नहीं हो पा रही हड़ताल? क्या है हड़ताली डॉक्टरों की प्रमुश मांगें और शर्तें…
हड़तली डॉक्टर्स की 5 मांगें
- स्वास्थ्य सचिव को पद से हटाया जाए।
- स्वास्थ्य शिक्षा निदेशक इस्तीफा दें।
- कोलकाता पुलिस चीफ को सस्पेंड किया जाए।
- राज्य के प्रत्येक मेडिकल कॉलेज में पेशेंट सर्विस शुरू हो।
- सभी हॉस्पिटल्स में सीसीटीवी कैमरे के साथ सुरक्षा बढ़ाई जाए।
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सरकार से बातचीत के लिए डॉक्टर्स की चार शर्तें
- जूनियर डॉक्टरों का कहना है कि आंदोलन में राज्य के सभी 26 मेडिकल कॉलेजों की प्रतिनिधि शामिल हैं। सरकार यदि बात करना चाहती है तो मीटिंग में कम से कम 30 सदस्यों के रहने की अनुमति दे।
- बैठक का लाइव टेलीकास्ट होना चाहिए ताकि जनता को भी पता चले सरकार का इस मामले में क्या रुख है और वह हमारी मांगों को किस तरह ले रही है।
- मीटिंग के दौरान केवल उन पांच मांगों को लेकर बातचीत की जाएगी जिसके बारे में सरकार को पहले ही बताया जा चुका है।
- मीटिंग के दौरान सीएम ममता बनर्जी का भी मौजूद रहना जरूरी।
ममता सरकार ने कहा, इन्हें डॉक्टर कहलाने का हक नहीं
डॉक्टर्स के मांगों पर अड़े रहने पर ममता बनर्जी का गुस्सा फूट गया है। ममता बनर्जी ने कहा कि लोगों को इलाज नहीं मिल पा रहा है। मरीजों की जान जा रही है लेकिन ये न सरकार की सुनने को तैयार हैं और न न्यायालय की। इन्हें डॉक्टर कहलाने का भी हक नहीं है।
इस्तीफा देने को तैयार ममता फिर भी नहीं मान रहे डॉक्टर
ममता बनर्जी ने डॉक्टर्स से अपील की है कि मैं इस्तीफा देने को तैयार हूं, लेकिन आप सब काम पर लौट आइए। मरीजों को इलाज नहीं मिल पाने से परेशानी हो रही है। ममता ने कहा कि डॉक्टर को मानवीय मूल्यों को समझते हुए काम पर लौट आना चाहिए।