सार
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पैरालंपिक खिलाड़ियों से मुलाकात की और उनके खेल के सफर के बारे में भी जाना। उन्होंने सभी एथलीटों को शानदार प्रदर्शन करने के लिए बधाई दी। इस दौरान खिलाड़ी पीएम से मिलकर काफी उत्सहित नजर आ रहे थे। पीएम ने भी हंसी मजाक के लहजे में सभी खिलाड़ियों से बात की। खिलाड़ियों और उनके कोच ने प्रैक्टिस के दौरान आने वाली समस्या और उसे हैंडल करने के लिए की गई प्रैक्टिस और कड़ी मेहनत और पैरालंपिक में मेडल जीतने तक के सफर के बारे में बातचीत की। पीएम ने भी उनका उत्साह बढ़ाया और अगले पैरालंपिक में और बेहतर प्रदर्शन करने के लिए शुभकामनाएं दीं।
एथलीट बोले- आप देश के लिए पीएम, हमारे लिए ‘परम मित्र’
प्रधानमंत्री से मुलाकात के दौरान एथलीट काफी उत्साहित नजर आए। उन्होंने पीएम से खेल के दौरान अपनी दिव्यांगता के कारण आने वाली परेशानियों के बारे में भी बताया। खिलाड़ियों के कोच ने भी पीएम से बात की और पैरालंपिक खिलाड़ियों को ट्रेनिंग देने के दौरान क्या मुश्किलें आती हैं इस बारे में भी चर्चा की। खिलाड़ियों कहा कि आपकी बातों ने हमेशा हमारा उस्ताह बढ़ाया है। आप देश के लिए प्रधानमंत्री हैं लेकिन हमारे लिए परममित्र हैं।
हंसी ठहाकों के साथ हुई बातचीत
पीएम मोदी के साथ परालंपिक खिलाड़ियों ने बड़े ही रिलैक्स मूड में बातचीत की। पीएम और एथलीट दोनों ही एक दूसरे की रोचक बातों पर हंसी-ठहाके लगाते नजर आए। पीएम ने कहा कि पिछली बार मुलाकात में जिन लोगों को मेडल नहीं मिल सका था वह बहुत निराश और मुंह लटकाए बैठे थे, लेकिन इस बार सबके हंसते चेहरे देखकर बहुत अच्छा लगा है।
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‘पीएम साथ हैं तो बाकी सब को देख लेंगे’
बातचीत के दौरान पैराएथलीट ने कहा कि हमारे ऊपर कई बार ऊपर से प्रेशर भी रहता है कि अच्छा परफॉर्म करें और मेडल जीतकर लाएं, इसे लेकर हमेशा टेंशन भी हो जाया करती थी। इस बार पीएम ने कहा कि मेडल की चिंता मत करो बस जीभर कर खेलो। इस बात ने हम लोगों का मनोबल काफी बढ़ा दिया था। ऊपर से कोई प्रेशर भी आता था तो लगता था पीएम अपने साथ है तो बाकी सब को देख लेंगे।
पीएम ने कहा- देश के कल्चर को बदलना चाहता हूं
पीएम मोदी ने कहा, आप दिव्यांग होने पर कभी अपने को कम न आंंकें। यही आपको आगे बढ़ने की शक्ति देता है। अपने हक के लिए हमेशा आगे आएं। कई बार आपको ये महसूस हुआ होगा कि लोग दया के भाव से देख रहे हैं या मदद कर रहे हैं। मैं ये कल्चर बदलना चाहता हूं। आप ऐसे लोगों को एहसास दिलाएं कि हमें दया नहीं चाहिए। हम हर काम करने में सक्षम हैं।