सार

कोलकाता में डॉक्टर की हत्या के विरोध में हुए प्रदर्शन को रोकने के लिए पुलिस ने सड़कों पर कंटेनर लगवा दिए। सोशल मीडिया पर लोग इसे पाकिस्तानी पुलिस का तरीका बता रहे हैं।

कोलकाता। सरकारी मेडिकल कॉलेज में महिला डॉक्टर (Kolkata Doctor Murder) की हत्या के खिलाफ मंगलवार को कोलकाता में नबन्ना मार्च (Nabanna protest) निकाला गया। सीएम ममता बनर्जी की पुलिस ने प्रदर्शनकारियों पर बल प्रयोग किया है। इस बीच सोशल मीडिया पर चर्चा है कि विरोध प्रदर्शन कर रहे लोगों को सचिवालय तक पहुंचने से रोकने के लिए बंगाल पुलिस पाकिस्तानी पुलिस का फॉर्मूला अप्लाई करती नजर आई है।

ऋषि बागरी नाम के एक यूजर ने X पर 16 सेकंड का वीडियो पोस्ट किया है। इसमें क्रेन की मदद से कंटेनर को सड़क पर रखते देखा जा सकता है। कंटेनर का इस्तेमाल समुद्री जहाज की मदद से सामान ढोने में होता है। हालांकि स्थिति गंभीर हो तो इसका प्रयोग प्रदर्शनकारियों को रोकने के लिए भी होता देखा गया है।

 

 

कोलकाता पुलिस ने सड़क पर रखे कंटेनर

ऋषि बागरी ने पोस्ट किया, "कोलकाता पुलिस ने आरजी कर मामले में मुख्यमंत्री के इस्तीफे की मांग को लेकर नबन्ना की ओर मार्च करने वाले प्रदर्शनकारियों को रोकने के लिए सड़क पर कंटेनर रख दिए। जब 7000 गुंडों ने आधी रात को आरजी कर में तोड़फोड़ की तब ऐसी कोई व्यवस्था नहीं की गई थी।'

कोलकाता की सड़क पर कंटेनर देख लोगों को आई पाकिस्तान की याद

कोलकाता में क्रेन की मदद से सड़क पर कंटेनर रखे जाने का वीडियो देखकर बहुत से लोगों को पाकिस्तान में होने वाले विरोध प्रदर्शन याद आ गए। सोशल मीडिया पर लोगों ने कहा कि वीडियो देखकर लगता है जैसे ममता सरकार पाकिस्तानी पुलिस के फॉर्मूले को अपना रही है।

पाकिस्तान में विरोध मार्च निकाल रहे लोगों को रोकने के लिए कंटेनर का इस्तेमाल अधिक होता है। 2019 में इमरान खान ने विरोध प्रदर्शन किए थे। इस दौरान उन्हें और उनके समर्थकों को रोकने के लिए सरकार ने बड़ी संख्या में सड़क पर कंटेनर रख दिए थे।

 

 

क्या प्रदर्शनकारियों को रोक पाता है कंटेनर?

कंटेनर की मदद से विरोध मार्च निकाल रहे लोगों को रोकने की कोलकाता पुलिस की कोशिश कितनी कामयाब होगी यह तो भविष्य की बात है। जहां तक सड़क बंद करना हो तो कंटेनर इसके लिए अच्छे साधन होते हैं। अधिक वजन और पहिए नहीं होने के चलते इन्हें अपनी जगह से खिसकाना कठिन है। कंटेनर उठाने के लिए बड़े क्रेन की जरूरत होती है। इसकी ऊंचाई इतनी अधिक होती है कि प्रदर्शनकारी चढ़कर पार नहीं कर पाते। यह एक ऐसी दीवार के रूप में काम करता है जिसे आनन-फानन में बनाया और हटाया जा सकता है। कंटेनर रखे जाने पर प्रदर्शनकारी आमतौर पर बगल से या दूसरे रास्तों से आगे बढ़ने की कोशिश करते हैं।

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