सार

सुप्रीम कोर्ट ने लखीमपुर खीरी हिंसा मामले में केंद्रीय मंत्री अजय मिश्रा के बेटे आशीष मिश्रा को इलाहाबाद हाईकोर्ट द्वारा दी गई जमानत सोमवार को रद्द कर दी। सीजेआई एन वी रमण और जस्टिस सूर्यकांत व जस्टिस हिमा कोहली की विशेष बेंच ने आरोपी को एक सप्ताह के भीतर आत्मसमर्पण करने को भी कहा। 

नई दिल्ली। लखीमपुर खीरी हिंसा (Lakhimpur Kheri Violence) मामले में सुप्रीम कोर्ट ने केंद्रीय मंत्री अजय मिश्रा (Ajay Mishra Teni) के बेटे आशीष मिश्रा को इलाहाबाद हाईकोर्ट (Allahabad High court) द्वारा दी गई जमानत सोमवार को रद्द कर दी। सीजेआई एन वी रमण (CJI Nv Ramana) और जस्टिस सूर्यकांत व जस्टिस हिमा कोहली की विशेष बेंच ने आरोपी को एक सप्ताह के अंदर सरेंडर करने को भी कहा। आशीष की जमानत के इलाहाबाद हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका लगाई गई थी। सुप्रीम कोर्ट ने माना है कि इलाहाबाद हाईकोर्ट में पीड़ित पक्ष की दलीलों पर विचार नहीं किया गया। 

शनिवार को आशीष ने लगाया था जनता दरबार



शनिवार 16 अप्रैल को आशीष ने बनबीरपुर विधानसभा में में जनता दरबार लगाया था। उसने यहां पहुंचे लोगों की समस्याएं सुनी थीं और उनके निस्तारण का आश्वासन दिया था। आशीष ने जनता दरबार की फोटो अपने ट्विटर अकाउंटर पर शेयर की थीं। उसने कल भी भाजपा नेताओं के साथ कुछ तस्वीरें शेयर की थीं।

4 अप्रैल को सुरक्षित रखा था फैसला
बताते चलें कि आशीष की जमानत रद्द करवाने के लिए किसानों ने याचिका दायर की थी। उन्होंने कहा था कि वह अपनी पहुंच के दम पर गवाहों को प्रभावित कर सकता है। उधर सुप्रीम कोर्ट की एक कमेटी ने भी इस मामले में सुप्रीम कोर्ट से जमानत रद्द करने वाली याचिका पर विचार करने की सिफारिश की थी। इस पर शीर्ष अदालत ने चार अप्रैल को अपना आदेश सुरक्षित रखा था। आज इस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने अपना फैसला सुनाया। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि इलाहाबाद हाईकोर्ट को इस मामले में फिर से विचार करना चाहिए। इससे पहले हाईकोर्ट ने आशीष मिश्रा को जमानत दे दी थी।

3 अक्टूबर को हुई थी लखीमपुर खीरी हिंसा
पिछले साल 3 अक्टूबर को लखीमपुर खीरी के तिकुनिया पार्क में एक कार्यक्रम में जाते वक्त यूपी के डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य और केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा टेनी को किसानों ने काले झंडे दिखाए थे। इस दौरान एक एसयूवी से चार किसानों को कुचल दिया गया था। आरोप है कि केंद्रीय मंत्री का बेटा आशीष मिश्रा इस एसयूवी में मौजूद था। इस घटना के बाद हुई हिंसा के दौरान आठ लोग मारे गए थे। पुलिस ने अपनी 5000 पेज की चार्जशीट में आशीष मिश्रा को आरोपी बनाया था, लेकिन इलाहाबाद हाईकोर्ट ने फरवरी में उसे जमानत दे दी थी।

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