आंध्र प्रदेश के अराकू कॉफी को उसके खास स्वाद और फ्लेवर के लिए दुनिया भर में पसंद किया जाता है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी इसकी तारीफ की है। इसकी खेती जैविक तरीके से होती है। कीटनाशकों और रासायनिक उर्वरकों का इस्तेमाल नहीं होता।
Independence Day 2025: आजादी मिलने के बाद 78 वर्षों में भारत ने तेज रफ्तार से आर्थिक प्रगति की। आज भारत में बने सामानों को पूरी दुनिया में भेजा जाता है। भारत कॉफी का भी एक बड़ा निर्यातक है। हमारे आंध्र प्रदेश के अराकू कॉफी की दुनिया में बड़ी मांग है। यह अपने खास स्वाद और फ्लेवर के चलते जानी जाती है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी इसकी तारीफ कर चुके हैं। आइए जानते हैं अराकू कॉफी के बारे में सबकुछ…
क्या है अराकू कॉफी?
अराकू कॉफी खास तरह की कॉफी है। यह आंध्र प्रदेश के अराकू घाटी से आती है। इस क्षेत्र में घने जंगल हैं। यहां की जलवायु कॉफी उगाने के लिए आदर्श है। यह घाटी उन स्थानीय जनजातियों का घर है जो पीढ़ियों से कॉफी की खेती करते आ रहे हैं। ऊंचाई, उपजाऊ मिट्टी और उपयुक्त मौसम, अराकू कॉफी बीन्स को बेहद खास बनाते हैं।
कैसे होती है अराकू कॉफी की खेती?
अराकू कॉफी को जैविक खेती से उगाया जाता है। इसके खेत में रासायनिक उर्वरक या कीटनाशक का इस्तेमाल नहीं होता। इससे तय होता है कि कॉफी के बीज हानिकारक रसायनों से मुक्त हों। आदिवासी किसान पारंपरिक खेती के तरीकों का उपयोग करते हैं। ये टिकाऊ और पर्यावरण के अनुकूल हैं। जैविक खेती न केवल कॉफी के प्राकृतिक स्वाद को बचाए रखता है बल्कि क्षेत्र में जैव विविधता और जमीन की सेहत को बढ़ावा देता है। अराकू कॉफी को 2019 में भौगोलिक संकेत (जीआई) टैग मिला था।
अनोखे स्वाद के लिए प्रसिद्ध है अराकू कॉफी
अराकू कॉफी अपने अनोखे स्वाद के लिए प्रसिद्ध है। इसका स्वाद चॉकलेट, फलों और मसालों की सुगंध का मिश्रण होता है। इस कॉफी को अक्सर संतुलित एसिडिटी अम्लता और भरपूर स्वाद वाला बताया जाता है। यही कारण है कि यह कॉफी प्रेमियों के बीच पसंदीदा है। कॉफी के बीजों को हाथ से चुना जाता है और सावधानीपूर्वक छांटा जाता है। उन्हें धूप में सुखाया जाता है और उनके प्राकृतिक स्वाद को बनाए रखने के लिए सावधानीपूर्वक प्रोसेस किया जाता है। उत्पादन के हर चरण में बारीकी से ध्यान दिया जाता है। इससे हाई क्वालिटी कॉफी तैयार होती है।
टॉप 10 कॉफी निर्यातकों में शामिल है भारत
बता दें कि भारत दुनिया के टॉप 10 कॉफी निर्यातकों में शामिल है। भारत सालाना लगभग 400,000 मीट्रिक टन कॉफी निर्यात करता है। भारत में जितना कॉफी तैयार होता है उसका करीब 70 फीसदी निर्यात किया जाता है। अकेले कर्नाटक में 50 प्रतिशत से ज्यादा भारतीय कॉफी का उत्पादन होता है। भारतीय कॉफी का निर्यात मुख्य रूप से इटली, जर्मनी, बेल्जियम, रूस और तुर्की को होता है।
