सार

ईवीएम को लेकर सुप्रीम कोर्ट में दायर याचिका के बीच लोकसभा चुनाव के पहले चरण का मतदान भी शुरू हो चुका है। याचिका में ईवीएम में डाले गए वोटों के सत्यापन की मांग की गई है। जानिए कैसे ईवीएम आपका वोट रिकॉर्ड कर लेती है। वीवीपैट सिस्टम कैसे काम करता है। 

नेशनल न्यूज। इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन को लेकर कई तरह के सवाल उठाए गए हैं। सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर यह भी मांग रखी गई है कि ईवीएम में डाले गए वोटों का वैरिफिकेशन किया जाना चाहिए। सुप्रीम कोर्ट में ईवीएम को लेकर कानूनी लड़ाई के बीच लोकसभा चुनाव के पहले चरण का मतदान हो रहा है। ईवीएम कैसे आपके वोट को रिकॉर्ड करती है और वीवीपैट सिस्टम कैसे काम करता है, ये सवाल बहुत से लोगों के मन में आता है। ऐसे में आइए इसे समझते हैं…

दो यूनिट पर बेस्ड होती है ईवीएम
ईवीएम में दो यूनिट होती हैं। एक कंट्रोल यूनिट और दूसरी वोटिंग यूनिट होती है। ये दोनों एक केबल से कनेक्ट रहती हैं। ईवीएम की कंट्रोल यूनिट वोटिंग अफसर के पास होती है। बैलेटिंग यूनिट को वोटिंग डिब्बे में रखते हैं जहां वोटर अपना वोट डालते हैं। मतदान आधिकारी पहले आपकी पहचान सत्यापित करता है फिर वोटिंग मशीन 

मतदान केंद्र पर, मतदान अधिकारी आपकी पहचान सत्यापित करता है और फिर बैलट बटन दबाता है जिसके बाद आप वोट डाल सकते हैं। ईवीएम पर कैंडिडेट्स के नाम और चुनाव चिह्न होते हैं और उसके आगे नीला बटन होता है जिसे दबाकर आप वोट डालते हैं। 

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मतदान अधिकारी के पास कंट्रोल यूनिट में कई बटन
मतदान अधिकारी के पास कंट्रोल यूनिट में कई बटन होते हैं। उनमें से एक टाइटल बैलट का होता है। अधिकारी के इस बटन को दबाते ही रेल लाइट वाली बिजी बटन जल जाती है। यह शो करती है कि कंट्रोल यूनिट आपका वोर्ट रिकॉर्ड करने के लिए तैयार है। जबकि बैलट यूनिट पर हरी बत्ती जलते है जो बताती है कि मशीन मतदान के लिए तैयार है। इसके बाद मतदाता अपने पसंद के कैंडिडेट के सामने के बटन को दबाकर अपना वोट दे देता है। मतदान के बाद एक बीप बजती है जो बताती है कि आपका मतदान पूरा हुआ।

कंट्रोल यूनिट में एक एलईडी स्क्रीन और बटन भी होता है जिससे वोटों की कुल संख्या देखी जाती है। मतदान पूरा होने के बाद मतदान अधिकारी कंट्रोल यूनिट के किनारे स्थित बटन दबाता है जिससे मशीन सील हो जाती है। मतगणना के दिन कैंडिडेट्स के नाम के अनुसार कुल वोट देखने के लिए 'परिणाम' टाइटल वाले बटन का इस्तेमाल होता है। इस मशीन में एक क्लियर बटन होता है जो काउंटिंग के बाद अंत में दबार मशीन से सारी फीडिंग हटा देता है। 

जानें वीवीपैट सिस्टम
वीवीपीएटी यानी वोटर वेरिफाइड पेपर ऑडिट ट्रेल के जरिए कोई वोटर यह जान सकता है कि उसने वोट ठीक से किया था या नहीं, या फिर वह जिस कैंडिडेट को वोट देकर आया है उसे ही वोट हुआ है या नहीं। एक बार जब कोई मतदाता पसंद के उम्मीदवार के नाम के आगे बटन दबाता है, तो वीवीपैट, जो कंट्रोल यूनिट और बैलट यूनिट से जुड़ा होता है वह एक पेपर स्लिप जेनरेट करता है। जो मतदाता को सात सेकंड के लिए दिखाई देती है। इसके बाद पेपर स्लिप वीवीपैट मशीन के ड्रॉपबॉक्स में गिर जाती है।